झालावाड़
मकर संक्रांति पर्व के दौरान जिले में पतंगबाजी के लिए चाइनीज मांझे के उपयोग पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए धातु, नायलोन एवं प्लास्टिक से निर्मित मांझे के निर्माण, विपणन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। जिला कलेक्टर ने बताया कि इस प्रकार का मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जो अत्यंत धारदार होने के साथ-साथ विद्युत का सुचालक भी होता है। इससे दुपहिया वाहन चालकों, आम नागरिकों और पक्षियों को गंभीर चोट लगने के साथ जान-माल का नुकसान होने की आशंका बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि चाइनीज मांझा यदि विद्युत तारों के संपर्क में आ जाए तो करंट फैलने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ विद्युत आपूर्ति बाधित होने की संभावना रहती है। लोक स्वास्थ्य, निर्बाध विद्युत संचालन और पक्षियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धातु निर्मित मांझा, पक्का धागा, नायलोन, प्लास्टिक एवं सिंथेटिक या टॉक्सिक सामग्री जैसे आयरन पाउडर और ग्लास पाउडर से बने चाइनीज मांझे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके अलावा पक्षियों को होने वाले नुकसान से बचाने के उद्देश्य से प्रातः 6 बजे से 8 बजे तक तथा सायं 5 बजे से 7 बजे तक पतंगबाजी पर भी रोक रहेगी। यह आदेश आज मध्यरात्रि से प्रभावी होकर 31 जनवरी 2026 तक लागू रहेगा। आदेश की अवहेलना या उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

