Monday, December 29

मोदी सरकार का अलर्ट: कर्ज देने वाले फर्जी ऐप न तो इंस्टाल करें न ही इनसे जुड़े लिंक खोलें, एक झटके में गायब हो जाएगी सारी कमाई

मोदी सरकार का अलर्ट: कर्ज देने वाले फर्जी ऐप न तो इंस्टाल करें न ही इनसे जुड़े लिंक खोलें, एक झटके में गायब हो जाएगी सारी कमाई


नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने लोगों को आगाह किया है कि कर्ज के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले प्लेटफॉर्म से सावधान रहें। गृह मंत्रालय की तरफ से चलाए जा रहे जागरूकता ट्विटर हैंडल साइबर दोस्त की तरफ से इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी गई है। ट्वीट में साफ कहा गया है कि बाजार में मौजूद कर्ज देने वाले फर्जी एप्लीकेशंस से बच कर रहने की जरूरत है। ऐसे कोई भी एप्लीकेशन बिना पूरी पड़ताल के न तो मोबाइल में इंस्टॉल करने चाहिए और न ही उनसे जुड़े लिंक खोलने चाहिए। सरकार की तरफ से कहा गया है कि ऐसी सभी कर्ज देने वाली कंपनियों के बारे में रिजर्व बैंक की वेबसाइट से पड़ताल कर लेनी चाहिए।

आरबीआई की वेबसाइट पर सभी कंपनियों की जानकारी होती है। ऐसे में जरूरी है कि कर्ज से जुड़े कोई भी दस्तावेज जमा करने से पहले उनकी प्रमाणिकता सत्यापित कर ली जाए। उल्लेखनीय है कि भोलेभाले उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार का लालच देकर धोखाधड़ी करने वाले जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल में संवाददाता सम्मेलन में अगाह करते हुए कहा था कि उन्हें भी इस तरह के मैसेज, मेल और लिंक आते हैं, लेकिन इससे सावधान रहना चाहिए। आरबीआई या कोई भी नियामक ग्राहक से किसी तरह की सीधी लेन-देन नहीं करता है।

कम सिबिल स्कोर और सस्ते ब्याज का झांसा
विशेषज्ञों के मुताबिक देश में फर्जीवाड़ा करने वाले तमाम संगठन सक्रिय हैं। वो लोगों को कम सिबिल स्कोर और सस्ते ब्याज दरों पर कर्ज देने के लालच वाले लिंक भेजते हैं और उन्हें फर्जी वेबसाइट पर अपने दस्तावेज अपलोड करने को कहते हैं। एक बार दस्तावेज अपलोड हो जाने के बाद उनका गलत इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

600 के करीब कर्ज देने वाले अवैध ऐप
सरकार ने इसी हफ्ते सोमवार को संसद में बताया है कि मौजूदा समय में देश में 600 के करीब अवैध कर्ज देने वाले ऐप चल रहे हैं. सरकार की तरफ से यह आंकड़ा रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के आधार पर दिया है गया। रिजर्व बैंक ने पहले भी कई कर्ज देने वाले एप्लीकेशंस के नाम सार्वजनिक किए हैं जो ग्राहकों से धोखाधड़ी के आरोपी हैं। साथ ही ऐसे अवैध मोबाइल ऐप से आगाह भी किया गया है।

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