जबलपुर
जबलपुर समेत मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों पर अंडा बिरयानी बेचने पर रोक लगा दी है। जबलपुर रेलवे स्टेशन के दो स्टॉल संचालक पर गुणवत्ताहीन खाना बेचने पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है। इतना ही नहीं पश्चिम मध्य रेलवे और जबलपुर रेल मंडल के कमर्शियल विभाग के दोनों मुखियों ने जांच टीम के साथ खुद जबलपुर और सतना रेलवे स्टेशनों की जांच की। रेलवे की इस ताबड़तोड़ जांच ने स्टशेन के स्टॉल से लेकर वेंडर तक हड़कंप मच गया।
रेलवे स्टेशन और ट्रेन में यात्रियों को परोसे जा रहे खाने की गुणवत्ता और मात्रा को लेकर, रेलवे का खाना-संभलकर खाना अभियान चलाकर यात्रियों के खाने की शिकायत को उठाया। इस अभियान के दो दिन के भीतर ही पश्चिम मध्य रेलवे और जबलपुर रेल मंडल हरकत में आ गया और शुक्रवार को जबलपुर, सतना समेत कई स्टेशनों पर जांच की।
सीसीएम ने स्टेशन की चाय पीकर की जांच: पश्चिम मध्य रेलवे के कमर्शियल विभाग के चीफ कमर्शियल मैनेजर मुकुल शरण माथुर और जबलपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम विश्वरंजन ने जांच टीम के साथ जबलपुर रेलवे स्टेशन और सतना रेलवे स्टेशन पर जाकर खुद स्टॉलों के खाने की जांच की। इस दौरान सीसीएम ने जबलपुर रेलवे स्टेशन के एक स्टॉल से चाय मांगवाई और खुद पीकर उसकी गुणवत्ता परखी। स्टॉल पर खाना खरीद रहे यात्रियों से उन्होंने बात भी की। इस दौरान यात्रियों से मिली प्रतिक्रिया के बाद स्टेशन पर अंडा बिरयानी बेचने पर रोक लगाने का निर्देश दिया। यात्रियों का कहना था कि बिरयानी के चावल और अंडे की गुणवत्ता अच्छी नहीं है।
जांच में कमी मिलते ही लगाया जुर्माना: सीनियर डीसीएम विश्वरंजन ने स्टॉल, जनआहार केंद्र से लेकर ट्रेन के पेंट्रीकार के खाने की गुणवत्ता परखी। इस दौरान जबलपुर रेलवे स्टेशन के स्टॉल संचालक कृष्णा और परिजात पर कुल 25 हजार का जुर्माना लगाकर उन्हें चेतावनी दी कि यदि खाने की गुणवत्ता और कमियों को नहीं सुध्ाारा गया तो उनका टेंडर भी रद्द किया जा सकता है। जांच के दौरान आस-पास के स्टॉलों के संचालक और वेंडर में हड़कंप मच गया। कई वेंडर, स्टॉल पर खाना छोड़कर स्टेशन के बाहर भाग निकले।

