Sunday, December 21

जमीन पर मालिकाना हक नहीं, प्रॉपर्टी टैक्स से उद्यमियों का इनकार

जमीन पर मालिकाना हक नहीं, प्रॉपर्टी टैक्स से उद्यमियों का इनकार


भोपाल
नगरीय क्षेत्र में निकायों द्वारा वसूले जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर शासन और लघु और मध्यम उद्योग संचालित करने वाले उद्यमी आमने-सामने हैं। नगरीय विकास और आवास विभाग इनसे संपत्ति कर वसूलने को लेकर नोटिस भेज रहा है वहीं उद्यमियों ने अपने संघ के माध्यम से सरकार के नोटिस को चुनौती दी है और कहा है कि जब उद्यम स्थापित करने दी जाने वाली जमीन का मालिकाना हक ही उन्हें प्राप्त नहीं है तो किस आधार पर संपत्ति कर की मांग की जा रही है।

प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में स्थित शासकीय भूखंड का आवंटन जिला व्यापार और उद्योग केंद्र, उद्योग केंद्र और औद्योगिक केंद्र विकास निगम की ओर से उद्यमियों को किया जाता है। उद्यमी इन संस्थाओं को रखरखाव शुल्क देते हैं और साथ ही उन्हें संपत्ति कर भी जमा करना होता है। उद्यमियों की शिकायत है कि औद्योगिक क्षेत्र की भूमि पर मालिकाना हक शासन के किसी न किसी विभाग का ही होता है। लीज डीड की शर्तों के अनुसार उद्यमी जमीन पर बनाए गए भवन को बेचने, गिरवी रखने, किराए पर देने या उद्योग के अलावा अन्य कोई काम वहां नहीं कर सकता है।

 उद्यमी द्वारा भूमि वापस की जाती है तब भी भवन का कोई मूल्य या कीमत उसे नहीं दी जाती है क्योंकि औद्योगिक क्षेत्र में निर्मित भवन उद्यमी की संपत्ति नहीं माना जाता है। इसलिए प्रदेश के उद्यमियों के संगठन ने नगरीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले संपत्ति कर का विरोध करते हुए नियमों का हवाला देकर यह टैक्स देने से मना किया है।

इन नियमों के आधार पर अपील
मध्यप्रदेश स्माल स्केल इंडस्ट्रीज आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष विपिन कुमार जैन बताते हैं कि तथ्यों और साक्ष्यों के साथ एक अपील प्रमुख सचिव नगरीय विकास को 2 फरवरी को की गई है। जैन ने मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 136 के अंतर्गत शासकीय संपत्ति से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं वसूले जाने के नियम का हवाला देकर कहा है कि इस नियम में शासकीय भूमि, भवन को टैक्स से छूट प्राप्त है। इसलिए लीज पर दी जाने वाली औद्योगिक भूमि के मामले में भी टैक्स से छूट दी जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *