लखनऊ
राजधानी लखनऊ में नियम विरुद्ध प्रतिवर्ष लगभग 50 होटल खड़े हो रहे हैं। जो मानकों के विपरीत बन रहे हैं। इनमें न तो अग्निशमन के मानकों का पालन किया जा रहा है और न ही बिल्डिंग बाइलॉज का। जिसकी वजह से आग लगने पर भीषण हादसे की आशंका बनी है। 2018 में चारबाग होटल अग्निकांड के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार हुई थी लेकिन न एलडीए ने कुछ किया और न जिला प्रशासन ने।
चारबाग ही नहीं लखनऊ के लगभग सभी क्षेत्रों में अवैध तरीके से होटल खड़े हो रहे हैं। नई विकसित होने वाली कालोनियों में भी होटल, बरात घर बन रहे हैं जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध खड़े हैं। 2018 में चारबाग के एसएसजे तथा विराट होटल में भीषण आग लगी थी। जिसमें जलकर 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस अग्निकांड के बाद सभी अवैध होटलों के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार हुई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने अवैध होटलों की सूची तैयार कराई थी। इनमें से कुछ को उस समय सील भी किया गया था लेकिन बाद में सील खोल दी गयी। कार्रवाई स्थगित कर दी गई। रविवार को गोमती नगर विस्तार के एक अवैध होटल में फिर आग लगी। जिसके बाद अधिकारियों को फिर होटलों का ध्यान आया है।

