ग्वालियर । शहर में स्थित शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से भक्त गत दो वर्षों से भगवान शिव के प्रति भावनाएं मंदिर पहुंचकर व्यक्त नहीं कर पा रहे थे, लेकिन इस साल धूमधाम से एक मार्च को शिव पूजन कर सकेंगे। फिलहाल शिव मंदिरों में पुताई जारी है। संबंधित मंदिर प्रबंधन ने समितियों को तैयारियां सौंप दी हैं। महाशिवरात्रि पूजा के लिए सर्वाधिक भक्त अचलेश्वर मंदिर, कोटश्वर मंदिर, गुप्तेश्वर और भूतेश्वर मंदिर पहुंचते हैं। इसलिए यहां विशेष तैयारियां जारी हैं। भक्तों की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस के जवान भी यहां तैनात रहेंगे।
मारकंडेश्वर- 3 बार शृंगार बदलेंगे शिवजी: फूलबाग स्थित प्राचीन मारकंडेश्वर मंदिर पर भी शिवरात्रि की तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी डॉ. मनोज भार्गव के अनुसार महाशिवरात्रि को शिवजी का 3 बार श्रृंगार किया जाएगा, सुबह 6 बजे सन्यासी शृंगार पत्तियों और किया जाएगा, सुबह 10 बजे वानप्रस्थ शृंगार किया जाएगा, इसके बाद दोपहर 3 बजे दूल्हे का शृंगार किया जाएगा। दिन में 4 बार आरती की जाएगी।
अचलेश्वर मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा
मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा और आकर्षक विद्युत सज्जा की जाएगी। मंदिर में भक्त ठीक से प्रवेश कर सकें, इसके लिए पांच द्वार बनाए जाएंगे। महिला भक्तों के प्रवेश के लिए अलग से द्वार रहेगा। महिलाओं को नंदी बाबा की तरफ से बने द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। प्रसादी वितरण के लिए 30 स्टाल लगाए जाएंगे। दर्शन के लिए भगवान के पट रात्रि 12 बजे से खोल दिए जाएंगे। इतना ही नहीं अचलेश्वर रोड से गुजरने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट कर रोशनी घर की तरफ से कर दिया जाएगा।
कोटेश्वर मंदिर की हो रही पुताई
महाशिवरात्रि के लिए कोटेश्वर मंदिर परिसर की अभी पुताई चल रही है। इस दिन के लिए मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाएगा। भक्तों के प्रवेश और निकासी के लिए दो द्वार रखे जाएंगे, जिससे भीड़ एक जगह एकत्रित नहीं हो पाएगी। महाशिवरात्रि के दिन यहां छोटा मेला लगाया जाएगा, जहां से बच्चे खिलौने खरीद सकते हैं और झूला भी झूल सकते हैं। पार्किंग की व्यवस्था विनय नगर के पास रहेगी। भगवान के दर्शनों के लिए मंदिर के पट रात्रि 12 से खोल दिए जाएंगे।
गुप्तेश्वर महादेव का होगा अभिषेक
मंदिर के पट रात्रि 12 बजे खोल दिए जाएंगे। अभिषेक के बाद सुबह 11 बजे गुप्तेश्वर महादेव की यात्रा निकाली जाएगी, जो लक्ष्मीगंज से होते हुए अचलेश्वर मंदिर पर शाम पांच बजे पहुंचेगी। बहोड़ापुर स्थित बालाजी धाम काली माता मंदिर के प्रांगण में तीन दिवसीय विशेष पूजा-अर्चना 28 फरवरी से होगी और दो मार्च तक चलेगी। इस दौरान भक्तों के कालसर्प दोष का निवारण किया जाएगा।

