रामपुर
उत्तर प्रदेश में सोमवार को तीन सीटों रामपुर, खतौली और मैनपुरी सीटों पर उप चुनाव हुए। इस उपचुनाव में रामपुर में सबसे कम 33.94 फीसदी वोटिंग हुई है। वोटिंग खत्म होते ही तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं पर जमीनी हकीकत की बात की जाए तो रामपुर विधानसभा के उप चुनाव में उत्साह, उल्लास और उमंग, सब कुछ गायब था। कुछ केंद्रों को छोड़कर कहीं भी मतदाताओं की न लंबी लाइन और न ही भीड़ नजर आई। बिना लाइन लगाए लोग वोट डालते रहे। दरअसल, विधानसभा के चुनाव के बाद करीब छह महीने पहले लोकसभा का उप चुनाव निपटा। शहर सीट खाली होने के बाद सोमवार को विधानसभा का उप चुनाव था। उप चुनाव को लेकर वोटरों में न उत्साह, न उल्लास और न ही उमंग थी। चूंकि वोट उनका अधिकार है। लिहाजा मतदाताओं ने अपने वोट का इस्तेमाल किया। अधिकतर मतदान केंद्रों पर आम चुनावों की तरह न तो मतदाताओं की लंबी लाइन और न ही भीड़ दिखाई दी। वोट डालने लोग एक-एक कर आते रहे।
नयागांव के मतदान केंद्र पर शुरुआत में तो सिर्फ मतदान कर्मी और पुलिस वाले ही दिखाई दिए। सूरज चढ़ने के बाद लोगों ने मतदान केंद्र पर पहुंचना शुरू किया। ककरौआ के सभी केंद्रों पर दोपहर तक न तो वोटरों की लाइन और न ही भीड़ दिखाई दी। शहर के मुर्तजा इंटर कालेज, गन्ना समिति कार्यालय के मतदान केंद्र पर जरूर उम्मीदवारों का समर्थकों का जमघट लगा रहा। राजकीय बाकर इंटर कालेज मतदान केंद्र पर भी शुरुआत में सन्नाटा था। बाद में लोगों ने मतदान केंद्र पर पहुंचना शुरू किया। मुस्लिम बाहुल इलाकों के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ दिखाई नहीं दी।
आजम नहीं कर सके मताधिकार
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान वोट कटने के बाद जहां घर में ही रहे,वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी व पूर्व विधायक तंजीन फात्मा, स्वार विधायक बेटा अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम वोट डालने पहुंचे। यह सभी अलग-अलग समय में वोट डालने पहुंचे थे। इन तीनों ने राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मतदान केंद्र पर वोट डाले।
करीबी आसिम राजा पर दांव खेला
सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायकी भी चली गई थी। विधायकी जाने के बाद ही शहर विधानसभा सीट पर उप चुनाव की नौबत आई है। इस उप चुनाव में सपा नेता ने अपने करीबी आसिम राजा पर दांव खेला है। आसिम की जीत के लिए आजम खान ने पूरी ताकत झोंक दी है। अपने विश्वासपात्रों से दूर हो चुके सपा नेता ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत लगा दी।

