Friday, December 26

सबरीमाला मंदिर में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड, तीर्थयात्रियों की संख्या 30 लाख के पार

सबरीमाला मंदिर में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड, तीर्थयात्रियों की संख्या 30 लाख के पार


नई दिल्ली 
सबरीमाला मंदिर में इस वर्ष दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 30 लाख को पार कर गई है जो पिछले वर्ष की तुलना में दो लाख से अधिक की कमी को दर्शाती है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। 25 दिसंबर तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अब तक 30,01,532 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर चुके हैं। पिछले वर्ष (2024) 30 लाख का आंकड़ा 23 दिसंबर तक ही पार हो गया था जब 30,78,044 श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए थे। पिछले साल 25 दिसंबर तक कुल 32,49,756 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर चुके थे। वहीं 2023 में इस तारीख तक यह संख्या करीब 28.42 लाख थी। 

हालांकि वर्ष की शुरुआत से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली लेकिन उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 'वर्चुअल क्यू' (ऑनलाइन दर्शन) और मंदिर परिसर में जाकर दर्शन के लिए बुकिंग (स्पॉट बुकिंग) के लिए नियम कड़े कर दिए। एक दिन में सबसे अधिक दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 19 नवंबर को दर्ज की गई थी जब मंदिर खुलने के चार दिन बाद 1,02,299 भक्तों ने दर्शन किये थे। सबसे कम भीड़ 12 दिसंबर को रही,जब 49,738 श्रद्धालु पहुंचे। 

अधिकारियों के अनुसार छुट्टी होने के बावजूद रविवार के दिन पिछले वर्षों की तुलना में कम भीड़ रही। 21 दिसंबर, जो रविवार था, उस दिन 61,576 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अन्य दिनों में रोजाना श्रद्धालुओं की संख्या 80,000 से अधिक रही। मंडला पूजा के मद्देनजर शुक्रवार और शनिवार (26 और 27 दिसंबर) को वर्चुअल क्यू के जरिए दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटाकर क्रमशः 30,000 और 35,000 कर दी गई है जबकि स्पॉट बुकिंग को 2,000 तक सीमित किया गया है। 

‘थंगा अंकी' जुलूस के चलते शुक्रवार सुबह से पंपा से श्रद्धालुओं की आवाजाही भी नियंत्रित कर दी गई। सुबह नौ बजे तक 22,039 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। अधिकारियों ने बताया कि मंडला पूजा शनिवार को होगी। इस अवसर पर भगवान का स्वर्ण जड़ित वस्त्रों और आभूषणों से श्रृंगार किया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10.10 बजे से 11.30 बजे के बीच है। सबरीमाला मंदिर शनिवार रात 11 बजे ‘हरिवरसनम' (भक्ति गीत) के बाद बंद हो जाएगा और 30 दिसंबर को मकरविलक्कु उत्सव के लिए फिर से खोला जाएगा। 

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