Monday, December 1

कारीगरों की मेहनत से सारंगपुर बन रहा है स्वदेशी शक्ति केंद्र : मंत्री टेटवाल

कारीगरों की मेहनत से सारंगपुर बन रहा है स्वदेशी शक्ति केंद्र : मंत्री टेटवाल


हथकरघा और शिल्पकला से प्रदेश को मिलेगी वैश्विक पहचान

भोपाल 
कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री( स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए लोकल फ़ॉर वोकल के संदेश ने न केवल देश में स्वदेशी वस्तुओं की खपत को बढ़ाया है, बल्कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। इसी दिशा में राजगढ़ जिले के सारंगपुर जैसे कस्बे अपने हुनर और कारीगरी के माध्यम से लगातार प्रगति कर रहे हैं और प्रदेश को समर्थ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

मंत्री श्री टेटवाल ने सारंगपुर विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया और वार्डों में कुटीर उद्योग से जुड़े कारीगरों, बुनकरों और व्यापारियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सारंगपुर की शिल्पकला और हस्तनिर्मित वस्तुएं आने वाले समय में इस क्षेत्र को वैश्विक पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी।

मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि सारंगपुर हथकरघा और बुनकरों के कार्यों में निरंतर आगे बढ़ रहा है। यहां तैयार की जा रही सिल्क की साड़ियां पहले से ही कई स्थानों पर प्रसिद्ध हैं। इसी प्रकार ताड़ से बनाई जा रही चटाइयां और अन्य उपयोगी वस्तुएं की भी लोगों के बीच बड़ी मांग हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सारंगपुर के कारीगरों की मेहनत से यहां की पारंपरिक कला और उत्पाद न केवल देश के बाजारों में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी विशेष पहचान बनाएंगे।

वोकल फॉर लोकल को जनआंदोलन बनाने की अपील
मंत्री श्री टेटवाल ने कारीगरों और व्यापारियों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों के निर्माण और उपयोग को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी लोकल उत्पादों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करेंगे तो इससे न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि प्रदेश और देश की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।

मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का जो अभियान चलाया जा रहा है, वह तभी सफल होगा जब प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझकर इसमें भागीदार बनेगा। सारंगपुर के कारीगरों का हुनर और समर्पण इस दिशा में एक प्रेरक उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि कैसे एक छोटा सा कस्बा भी लोकल से ग्लोबल पहचान बना सकता है।

 

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