लखनऊ
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को सुरक्षा में कटौती (जेड श्रेणी से वाई श्रेणी) के बाद एक और झटका देने की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवपाल और दो अन्य अफसरों से गोमती रिवर फ्रंट मामले में जल्द ही पूछताछ हो सकती है। सीबीआई ने इसके लिए इजाजत मांगी है। बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट घोटाला जिस समय का बताया जाता है उस समय शिवपाल यूपी के सिंचाई मंत्री थे। इस बीच प्रसपा-सपा और भाजपा के बीच इस मसले पर जुबानी जंग तेज हो गई है।
बातचीत में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रवक्ता अरविंद यादव ने सरकार पर इस तरह की कार्रवाईयों के जरिए चुनाव के समय विपक्ष को दबाव में लेने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों के जरिए लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन किया जा रहा है। उधर, बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि जो गलत काम किए हैं उनका खामियाजा तो भुगतना होगा।
उधर, कल सुरक्षा घटाए जाने के बाद से ही यूपी के राजनीतिक गलियारों में शिवपाल को लेकर चर्चा तेज हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करहल की चुनावी जनसभा में भी चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश की जोड़ी पर जमकर हमला बोला। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले जब नौकरी निकलती थी तब वसूली को चाचा और भतीजे निकल पड़ते थे। अब मैनपुरी के लोग एक परिवार की छाया से निकलकर सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की परंपरा का पालन करेंगे। आज चाचा शिवपाल की स्थिति बिल्कुल पेंडुलम और फुटबॉल जैसी हो गई है। वहीं शिवपाल यादव की सुरक्षा कम करने को अखिलेश ने आपत्तिजनक बताया है। चाचा के समर्थन में अखिलेश ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि 'माननीय शिवपाल सिंह यादव जी की सुरक्षा श्रेणी को कम करना आपत्तिजनक है। साथ ही ये भी कहना है कि पेंडुलम समय के गतिमान होने का प्रतीक है और वो सबके समय को बदलने का संकेत भी देता है और ये भी कहता है कि ऐसा कुछ भी स्थिर नहीं है जिस पर अहंकार किया जाए।'
2017 में ही सरकार ने जांच के दिए थे आदेश
बता दें कि 2017 में सरकार बनते ही सीएम आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसमें घपले की बात सामने आने के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई मामले में कुछ इंजीनियरों को गिरफ्तार कर चुकी है। शिवपाल सिंह यादव उस समय यूपी के सिंचाई मंत्री थे। मीडिया रिपोर्ट्स क मुताबिक सीबीआई इस मामले में उनकी और दो अन्य बड़े अफसरों की भूमिका की जांच कर रही है। इसी सिलसिले में पूछताछ की इजाजत मांगी गई है।
कल जेड से वाई श्रेणी कर दी गई थी सुरक्षा
शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा में कटौती करते हुए सरकार ने कल उनकी जेड श्रेणी सुरक्षा को वाई श्रेणी में बदल दिया था। प्रसपा और सपा ने इस मामले को मैनपुरी उपचुनाव 2022 में शिवपाल के स्टैंड से जोड़ते हुए सरकार पर दबाव की राजनीति बनाने का आरोप लगाया। बता दें कि शिवपाल सिंह यादव, 5 दिसम्बर को होने वाले मैनपुरी उपचुनाव में बहू डिंपल यादव की जीत के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं।

