ग्वालियर
जिले के शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें स्वयं का उद्योग, सेवा व व्यवसाय स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसे मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का नाम दिया गया है, जिसके तहत योजना का लाभ मिलेगा। वहीं पहले से संचालित युवा उद्यमी, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार सहित अन्य योजनाओं को बंद कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा अब एक ही योजना द्वारा संचालित की जाएगी। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ने बताया कि ऋण योजना के तहत उद्योग (विनिर्माण) इकाई के लिए 1 लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक की परियोजनाएं व सेवा इकाई लगाई जा सकती है। खुदरा व्यवसाय के लिए 1 लाख रुपए से 25 लाख तक की परियोजनाएं लगाई जा सकती है। इसके लिए आवेदक मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी हो और साथ ही उसकी उम्र 18 से 40 साल के बीच हो। वहीं कम से कम 12वीं पास हो और परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपए से अधिक नहीं हो। स्व-रोजगार योजनाओं पर शासन ने कोरोना काल के दौरान दो सालों तक लक्ष्य नही दिया। इसके साथ ही बेरोजगार हुए युवाओं को बैंकों से कर्ज भी नही मिल सका और वह इसी उम्मीद में रहे आगामी दिनों में लक्ष्य निर्धारण होकर योजना स्वीकृत होगी।। इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी वर्ग के युवा भाग ले सकते हैं। इसके लिए बैंक द्वारा वितरित ऋण (टर्मलोन/वर्किंग केपिटल) पर 3 प्रतिशत सालाना दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। जिसकी अधिकतम सीमा 7 साल रहेगी। एनपीए अवधि के लिए कोई ब्याज अनुदान स्वीकार्य नहीं होगा। योजनांतर्गत ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्षों तक देय होगा जिससे परेशानी नहीं होगी।
आॅनलाइन करना होगा इसके लिए आवेदन
योजना का लाभ लेने के लिए डीआईसी की साइड पर आॅनलाइन आवेदन करना होगा। इस के साथ 12वीं कक्षा की उत्तीर्ण मार्कशीट, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, स्थाई जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मशीनरी/कच्चामाल के कोटेशन, समग्र आईडी, पास पोर्ट साइज के फोटो, 10 लाख रुपए से अधिक परियोजना हेतु सीए की प्रोजेक्ट रिपोर्ट, बैंक खाता जिस बैंक से ऋण लेना चाहते है या यदि दुकान या भवन किराए की हो तो किरायानामा लगाना होगा।

