नई दिल्ली
भारत में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों, शहर के भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक ने लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की ओर प्रेरित किया है। इतना ही नहीं, बेहतर होते ईवी चार्जिंग नेटवर्क के चलते अब लोग इलेक्ट्रिक स्कूटर को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बा रहे हैं। लेकिन किसी भी इलेक्ट्रिक स्कूटर की असली उपयोगिता उसकी बैटरी पर निर्भर करती है। बैटरी की सेहत यह तय करती है कि स्कूटर कितनी दूरी तय करेगा, कितने साल चलेगा और लंबे समय में आपका खर्च कितना रहेगा। गर्मी, चार्जिंग की आदतें, राइडिंग स्टाइल और स्टोरेज, ये सभी चीजें लिथियम-आयन बैटरी की लाइफ और परफॉर्मेंस पर सीधा असर डालती हैं। अच्छी बात यह है कि कुछ समझदारी भरी आदतों को अपनाकर आप अपनी ई-स्कूटर बैटरी की उम्र को कई साल बढ़ा सकते हैं।
हर बार 0 से 100 प्रतिशत चार्ज करने से बचें
लिथियम-आयन बैटरियां तब सबसे बेहतर काम करती हैं, जब उन्हें 20 से 80 प्रतिशत चार्ज के बीच रखा जाए। बैटरी को बार-बार पूरी तरह खत्म होने देना सेल्स को जल्दी कमजोर करता है। इसी तरह रोजाना 100 प्रतिशत तक चार्ज करना भी लंबे समय में बैटरी की सेहत को नुकसान पहुंचाता है। रोज के दफ्तर या लोकल सफर के लिए आंशिक चार्ज पर्याप्त होता है। पूरी चार्जिंग को लंबी यात्रा के लिए ही बचाकर रखना बेहतर रहता है।
गर्मी से बैटरी को बचाना है बेहद जरूरी
भारत में गर्मी इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती हैं। तेज धूप में लंबे समय तक स्कूटर खड़ा रखने से बैटरी का केमिकल एजिंग तेज हो जाता है। कोशिश करें कि स्कूटर को छांव में या इनडोर पार्किंग में रखें। लंबी और तेज राइड के तुरंत बाद चार्जिंग से बचें और पहले बैटरी को ठंडा होने का समय दें। यह आदत बैटरी की उम्र बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती है।
सही चार्जर का इस्तेमाल करें
हमेशा वही चार्जर इस्तेमाल करें, जो स्कूटर के साथ कंपनी ने दिया हो। सस्ते या लोकल आफ्टरमार्केट चार्जर में वोल्टेज कंट्रोल सही नहीं होता। जिससे बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है या उसकी क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। अगर चार्जर खराब हो जाए, तो केवल अधिकृत और कंपनी द्वारा सुझाया गया चार्जर ही लगवाएं।
टायर प्रेशर और राइडिंग स्टाइल भी असर डालते हैं
कई लोगों को यह बात अजीब लग सकती है, लेकिन टायर प्रेशर का बैटरी से सीधा संबंध होता है। कम हवा वाले टायर मोटर और बैटरी पर ज्यादा दबाव डालते हैं, जिससे चार्ज जल्दी खत्म होता है। कंपनी द्वारा सुझाए गए प्रेशर लेवल पर टायर रखें। इसके अलावा, अचानक तेज एक्सीलरेशन और आक्रामक राइडिंग स्टाइल न सिर्फ रेंज घटाती है, बल्कि बैटरी सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव भी डालती है।
सॉफ्टवेयर अपडेट को न करें नजरअंदाज
आजकल के ज्यादातर इलेक्ट्रिक स्कूटर बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम के सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ आते हैं। ये अपडेट चार्जिंग व्यवहार, थर्मल कंट्रोल और रेंज की सटीक जानकारी को बेहतर बनाते हैं। एप के जरिए या सर्विस के दौरान इस बात की जरूर जांच करें कि स्कूटर का सॉफ्टवेयर अपडेटेड है या नहीं।
ईवी की समय पर सर्विस क्यों है जरूरी
नियमित सर्विसिंग सिर्फ मैकेनिकल पार्ट्स के लिए ही नहीं, बल्कि बैटरी की सेहत के लिए भी जरूरी है। सालाना या छह महीने में होने वाली सर्विस से वायरिंग, कनेक्टर्स, कूलिंग सिस्टम और बैटरी माउंटिंग की स्थिति सही बनी रहती है। अच्छी तरह मेंटेन की गई बैटरी अचानक क्षमता गिरने की समस्या से भी बची रहती है।
छोटी आदतें, बड़ा फायदा
स्मार्ट चार्जिंग, गर्मी से बचाव, स्मूद राइडिंग और समय पर सर्विस- ये सभी छोटी-छोटी आदतें मिलकर आपकी इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी को वारंटी अवधि से कहीं ज्यादा समय तक बेहतर हालत में रख सकती हैं। थोड़ी सी समझदारी न सिर्फ परफॉर्मेंस और रेंज को बेहतर बनाती है। बल्कि लंबे समय में आपकी जेब पर पड़ने वाला खर्च भी कम करती है।

