मॉस्को/कीव
यूक्रेन युद्ध का आज 50वां दिन और यूक्रेन में लड़ने वाले रूसी सैनिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और रूस के हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं। लेकिन, अब समुद्र में भी रूस को बहुत बड़ा झटका लगा है और रूस का सबसे बड़ा युद्धपोत तबाह हो गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने काला सागर में युद्धपोत के तबाह होने की पुष्टि कर दी है और कहा है कि, कि युद्धपोत पर तैनात सभी क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
मिसाइल क्रूजर तबाह
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस का ये मिसाइल क्रूजर काला सागर में तैनात था और दुश्मनों पर लगातार नजर रखे हुआ था, लेकिन ये मिसाइल क्रूजर अब तबाह हो गया है और विस्फोट में मिसाइल क्रूजर को काफी नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट के मुताबिक, धमाके की चपेट में युद्धपोत पर रखे गये गोला बारूद भी आ गये थे, जिसकी पुष्टि रूसी रक्षा मंत्रालय ने की है। हालांकि, इससे पहले यूक्रेन की तरफ से दावा किया गया है, कि उसके मिसाइल हमले में काला सागर में तैनात रूसी युद्धपोत को उड़ाया गया है, लेकिन अभी तक स्वतंत्र रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि नहीं की गई है। ओडेसा के गवर्नर ने दावा किया है, कि यूक्रेनी सेना ने बुधवार को मिसाइल हमलों से युद्धपोत को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन उन्होंने दावे के लिए कोई सबूत नहीं दिए।
क्या यूक्रेन ने युद्धपोत उड़ाया?
वहीं, रूस की इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने बाद में रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा है, कि चालक दल के सभी सदस्यों को बाहर निकाल लिया गया है और आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। इंटरफैक्स ने बताया कि जहाज पर गोला बारूद में विस्फोट हो गया था और इससे गंभीर क्षति हुई है। ओडेसा के गवर्नर मैक्सिम मार्चेंको ने टेलीग्राम पर लिखा है कि, 'काला सागर की रक्षा करने वाली नेपच्यून मिसाइलों ने रूसी जहाज को बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाया।' वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने कहा कि 'रूसी ब्लैक सी फ्लीट के फ्लैगशिप को बड़ा सरप्राइज मिला है'।
कैसा है रूस का ये युद्धपोत?
रूस के इस युद्धपोत का नाम मोस्कवा है और ये काफी विध्वंसक युद्धपोत की श्रेणी में आता है और इस युद्धपोत की लंबाई 600 फीट थी। वहीं, इस मिसाइल का वजन 12 हजार 500 टन था, जिसे सबसे पहली बार साल 1979 में कमीशन किया गया था। इस युद्धपोत के जरिए रूसी सेना को गाइडेड क्रूजर मिसाइल दागने की क्षमता में काफी इजाफा हुआ था। रूसी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, इस युद्धपोत पर 510 क्रू मेंबर्स सवार थे और युद्धपोत पर धमाके के बाद सभी क्रू मेंबर्स को बाहर निकालने के लिए बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। रूसी युद्धपोत में ये धमाका ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के यूक्रेन दौरे के ठीक बाद हुआ है, जब उन्होंने यूक्रेन की मदद के लिए 120 बख्तरबंद गाड़ियां और नई एंटी शिप मिसाइल सिस्टम भेजने की बात कही थी।
काला सागर में तैनात था युद्धपोत
रूसी समाचार एजेंसी ने कहा कि, ये युद्धपोत में 440 मील की दूरी तक मार करने वाले 16 एंटी-शिप 'वल्कन' क्रूज मिसाइलों से तैनात था। हालांकि, रूसी एजेंसी ने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी है। लेकिन, पिछले साल रूसी समाचार एजेंसी ने अपने एक एडमिरल के हवाले से लिखा था, कि ये युद्धपोत ब्लैक सी में तैनात सबसे विध्वंसक जहाज है। वहीं, अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने साल 2015 में बताया था, कि मॉस्को ने इस जहाज को उस वक्त सीरिया में समुद्री तट पर तैनात किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय सीरिया संघर्ष के दौरान तुर्की ने एक रूसी लड़ाकू जहाज को मार गिराया था, उसके बाद रूस ने अपने इस घातक जहाज को सीरिया के समुद्री तट पर भेज दिया था।

