पटना
पटना के चर्चित जिम ट्रेनर गोलीकांड में नामजद आरोपित रहे डॉ. राजीव ने जेल से छूटने के बाद अपना पक्ष रखा है। उन्होंने अपने और पत्नी खुशबू को लेकर गहरी साजिश रचे जाने की बात कही है। डॉक्टर ने बताया कि कुछ लोगों ने इसके लिये जिम ट्रेनर को पैसे भी दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिम ट्रेनर खुशबू को परेशान कर रहा था। इस घटना में उनकी पत्नी का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में भर्ती होते वक्त भी विक्रम ने अपना नाम सचिन बता दिया। बाद में उसने नाम को बदलने को लेकर अस्पताल में आवेदन दिया। उधर, जिम ट्रेनर विक्रम सिंह के बजाए सचिन का नाम दर्ज होने के मामले में पीएमसीएच प्रशासन ने डॉक्टरों की किसी भी प्रकार की लापरवाही से साफ इनकार किया है। पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आईएएस ठाकुर ने साफ कहा है कि घायल के अटेंडेंट ने जो नाम लिखवाया, वहीं दर्ज किया गया है। उस पर घायल के पिता के हस्ताक्षर भी हैं। गलत नाम लिखवाने में अटेंडेंट की ही लापरवाही हो सकती है। इस मामले में पुलिस अफसरों ने कहा कि अस्पताल में नाम दूसरा लिखे होने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। पुलिस ने उस वक्त घायल का फर्दबयान लिया था, जिसमें उसका नाम विक्रम ही है। फर्द बयान पर विक्रम के ही हस्ताक्षर हैं।
ट्रेनर बोला, राजीव की मिलीभगत से बदला गया नाम
जिम ट्रेनर विक्रम ने बताया कि डॉ. राजीव की मिलीभगत से अस्पताल में उसका नाम बदल दिया गया। जब वह 28 अक्टूबर को अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ तो उसने अपना बदला हुआ नाम देखा। इसके बाद उसने दो बार एफिडेविट भी दिया। अस्पताल के अधिकारियों से भी उसने अपने नाम सुधारने को कहा। लेकिन अब तक उसमें सुधार नहीं किया गया है। विक्रम का आरोप है कि डॉ. राजीव ने ऐसा इसलिए किया ताकि उन्हें कानूनी मदद मिल सके।

