Saturday, December 27

नवजात को जन्म से थी विकृतियाँ डॉक्टर की टीम ने बचाई जान

नवजात को जन्म से थी विकृतियाँ डॉक्टर की टीम ने बचाई जान


राजनांदगांव । नगर के बल्देव बाग स्थित डॉ. कुमुद मोहोबे मेमोरियल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सौरभ मोहबे ने अपनी टीम के सहयोग से फिर एक नवजात को जीवन देने में सफलता प्राप्त । तीन माह पूर्व ही जन्म ले लेने वाली बच्ची का शरीर अनेक विकृतियों से जूझ रहा था । ऐसे में डॉ. सौरभ मोहोबे ने परिजनों को सर्जरी की सलाह दी । पाँच डॉक्टर्स की टीम रायपुर एवं भिलाई तथा  राजनांदगांव ने मिलकर गरीब के घर में खुशियों का संचार किया ।

डॉ.कुमुद मोहोबे मेमोरियल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सौरभ ने बताया कि 3 जनवरी को एक महिला को डिलिवरी के लिए लाया गया था । जन्म के समय यह जानकारी मिली कि बच्चा तीन माह पूर्व जन्म ले रहा है । प्री- मेच्योर बच्चे के दिल में छेद भी पाया गया । साथ ही आहार नली भी नहीं बन पाई थी । बच्ची के पेट का जुड़ाव श्वांस नली से था । इतनी विकृतियाँ देख डॉक्टर मोहोबे ( चाइल्ड स्पेशलिस्ट ) ने बच्ची के पिता को सर्जरी की सलाह दी । आसानी से परिजन सर्जरी के लिए तैयार नहीं हुए । बाद में बच्ची की दादी ने हिम्मत दिखाते हुए सर्जरी के लिए सहमति दी । अब डॉ. मोहोबे के सामने यह समस्या थी कि किस तरह डॉक्टर्स को जुटाया जाए । उन्होंने डॉ. नितिन शर्मा से पूरे मामले की चर्चा की और उनकी टीम के साथ सर्जरी का निर्णय लिया गया । साथ ही भिलाई के डॉक्टर रितेश कुमार से भी शामिल होने कहा गया । इस तरह पूरी तैयारी के साथ डॉ. की टीम ने एक नवजात बच्ची का सफल आपरेशन कर चिकित्सा जगत में नया इतिहास लिख डाला ।

डॉ. मोहोबे ने बताया कि जन्म के समय बच्ची का वजन मात्र 1200 ग्राम था , जो अंडर वेट की श्रेणी में माना जाता है । इतनी सारी विकृति और हार्ट में छेद का मामला लाखों में एक बच्चे में पाया जाता है । यह भी आश्चर्य जनक बात रही कि सर्जरी के दौरान दो बार बच्ची की घड़कन लगभग रुक गयी ,उसे भी डॉक्टर्स की टीम ने बड़ी कुशलता के साथ ठीक किया । ऐसे बच्चों के जीवन की संभावना चिकित्सा जगत में बमुश्किल 5 से 10 प्रतिशत मानी जाती है । बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाला बच्ची का परिवार बालोद जिला के अंतर्गत ग्राम सांकरादाह का रहने वाला है ।

डॉ. की टीम ने छुट्टी से पहले काटा केक
चिकित्सा जगत की बड़ी सफलता के बाद डॉक्टर्स की टीम ने बच्ची को उसके घर भेजने से पूर्व उसके जन्म दिन को यादगार बनाने के लिए परिजनों के सात केक काटकर खुशियों का इजहार किया । उक्त अवसर पर बच्ची के माता- पिता ने विशेष रूप से डॉक्टर्स का धन्यवाद किया ।

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