Monday, December 22

प्रदेश पंचायत चुनाव मामले की SC में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को

प्रदेश पंचायत चुनाव मामले की SC में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को


भोपाल
 मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव  को लेकर बड़ी खबर है।सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शनिवार 11 दिसंबर को होने वाली सुनवाई टल गई है। अब अगली सुनवाई 13 दिसंबर 2021 को तय की गई है।अब सबकी निगाहें इस फैसले पर टिकी है, क्योंकि 14 दिसंबर 2021 को आरक्षण होना है। बता दे कि जबलपुर हाईकोर्ट के पंचायत चुनावों की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

दरअसल, एमपी के कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर के द्वारा दायर रिट पिटिशन पर आज शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 13 दिसंबर दिन सोमवार तय की है । महाराष्ट्र सरकार के द्वारा ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका के साथ ही मध्यप्रदेश की पंचायत चुनाव में रोटेशन का पालन ना करने वाली याचिका की सुनवाई एक साथ होगी।  आज इस याचिका की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने की।

हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट का सफर

दरअसल, 9 नवंबर 2021 को पंचायत चुनाव से जुड़ी सभी याचिकाओं पर जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी।इसमें आरक्षण और परिसीमन का मामला भी शामिल था। 40 मिनट लंबी चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने ग्वालियर बेंच में जस्टिस रोहित आर्या की अध्यक्षता वाली युगलपीठ द्वरा पूर्व में अन्तरिम राहत की अर्जी खारिज करने के बिंदु को ध्यान में रखते हुए मांग नामंजूर कर दी तो वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।

जल्द संविधानिक जवाब मिलेगा- कांग्रेस

इसके बाद कांग्रेस (MP Congress) नेताओं सैयद जाफर और जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल की थी।शुक्रवार को कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने ट्वीट कर बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में सैयद जाफर और जया ठाकुर की याचिका स्वीकार कर ली है। शनिवार को सुनवाई होगी। इसके तहत प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा 2019 के परिसीमन और आरक्षण को निरस्त करने के आदेश को चुनौती दी गई है। 2 साल से पंचायत चुनाव की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों की उम्मीद और उनके अधिकारों को छीने वाली भाजपा सरकार को जल्द संविधानिक जवाब मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश के लाखों पंचायत प्रतिनिधियों को संवैधानिक अधिकार देगा।

ये है पूरा मामला

मप्र सरकार ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का आरक्षण निर्धारित किया है और इसकी अधिसूचना जारी गई है। वही इस पुरानी अधिसूचना को निरस्त किए बिना सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी।इसके अलावा राज्य सरकार ने नवंबर 2021 में आगामी पंचायत चुनाव को 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की है। याचिका में कमल नाथ सरकार के समय हुए परिसीमन को निरस्त करने और 2014 की स्थिति में लागू परिसीमन व आरक्षण के आधार पर चुनाव कराने की मांग उठाई है।

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