नई दिल्ली
रोहिणी कोर्ट में हुए बम धमाके के मामले में स्पेशल सेल की जांच अब आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन की तरफ मुड़ गई है। सेल को शक है कि उक्त घटना को इसी आंतकी संगठन ने अंजाम दिया है। सेल तिहाड़ जेल में बंद इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों से भी पूछताछ कर सुराग ढूंढने की कोशिश कर रही है, फिलहाल अभी तक सेल को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। सेल की सभी पांच रेंज की टीमों को जांच में लगा दिया गया है। आइबी, एनएसजी व एनआइए भी स्पेशल सेल को जांच में मदद कर रही है। सेल के सूत्रों का कहना है अगर रोहिणी कोर्ट बम धमाके में इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन का हाथ निकला तब 13 साल बाद इस आतंकी संगठन का दिल्ली में फिर से पैर जमाने की कोशिश माना जाएगा। सिमी पर प्रतिबंध के बाद तब उक्त संगठन ने इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) बनाया और वर्ष 2000 से 2008 के दौरान आइएम ने दिल्ली में सबसे ज्यादा आतंकी वारदात को अंजाम दिया। वर्ष 2008 में आइएम ने दिल्ली में सीरियल धमाका को अंजाम दिया। उसके कई साल बाद 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट में आइएम और आतंकी संगठन हूजी ने मिलकर गेट नंबर- पांच पर बड़ा धमाका किया था जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।
वर्ष 2011 के बाद स्पेशल सेल ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर आइएम के 42 सदस्यों को दबोच कर उसकी कमर ही तोड़ दी थी। उस दौरान दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त हो चुके आयुक्त एस एन श्रीवास्तव सेल का मुखिया होते थे। दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट के बाद दिल्ली में आतंकी हमले नहीं हुए। अब 10 साल बाद फिर दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में धमाके के मामले ने दिल्ली पुलिस समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ाकर रख दी है। सेल का कहना है कि वर्ष 2011 के बाद आइएम ने दिल्ली में भले ही हमले करना छोड़ दिया था लेकिन पटना, गया व पुणे आदि कई राज्यों में अपनी गतिविधियों को जारी रखा। रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट की जांच अभी जारी है। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि यह आतंकी हमला ही था। सेल को यकीन है कि यह आतंकी हमला ही है। आतंकी हमले की पुष्टि होने व आइएम की संलिप्तता पाए जाने पर सेल को फिर इस संगठन का कमर तोड़ने के लिए नए सिरे से जुटना होगा। अब तक किसी संगठन द्वारा जिम्मेदारी नहीं लेने पर सेल सकते में है। सेल को एनएसजी से रिपोर्ट भी नहीं मिली है जिससे पता चल पाता कि बम में किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। बम में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल होने का पता चला है। इस तरह के बम का इस्तेमाल आइएम ही करता रहा है। इसलिए सेल को आइएम पर ही शक है।
आतंकी ने धमाके के लिए कोर्ट को ही क्यों चुना, इसको लेकर सेल का कहना है कि हो सकता है पकड़े जाने के डर से ऐसा किया हो। सेल डंप डाटा व सीसीटीवी फुटेज इस दोनों की जांच कर सुराग ढूंढने में जुटी हुई है। इस मामले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल ब्रांच की भी बड़ी विफलता माना जा रहा है। खुफिया जानकारी जुटाने वाली इस यूनिट को भी इस वारदात की भनक तक नहीं लगी। किसान आंदोलन में भी इस यूनिट को समय पर कोई जानकारी नही मिल पाई। ज्ञात रहे बृहस्पतिवार की सुबह 10.30 बजे रोहिणी के कोर्ट नंबर 102 में बम धमाका हुआ था। धमाके में हवलदार राजीव कुमार घायल हो गए थे। महानगर दंडाधिकारी समेत कोर्ट कर्मचारी बाल बाल बच गए थे

