Wednesday, December 24

सूर्य हांसदा की मौत पर आदिवासी संगठनों का गुस्सा, राजभवन तक निकाला मार्च

सूर्य हांसदा की मौत पर आदिवासी संगठनों का गुस्सा, राजभवन तक निकाला मार्च


रांची

झारखंड में आदिवासी संगठनों ने कई आपराधिक मामलों में वांछित सूर्य नारायण हंसदा की सुरक्षाकर्मियों के साथ कथित मुठभेड़ में हुई मौत के विरोध में बीते शनिवार को राजभवन तक मार्च निकाला। यह जुलूस रांची के जिला स्कूल मैदान से निकाला गया और राजभवन पर समाप्त हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने कथित मुठभेड़ की सीबीआई जांच, हांसदा के परिवार के लिए सुरक्षा और मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

हांसदा को 10 अगस्त को देवघर के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था और कथित मुठभेड़ उस समय हुई, जब उसे छिपे हुए हथियार बरामद करने के लिए राहदबदिया हिल्स ले जाया जा रहा था। गोड्डा पुलिस का कहना है कि उसने कथित तौर पर पुलिस से हथियार छीन लिया और मौके से भागने की कोशिश में पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें उसकी मौत हो गई। मार्च के मुख्य संयोजक जगलाल पाहन ने आरोप लगाया कि हंसदा की ‘साजिश रचकर हत्या' की गई। पाहन ने दावा किया, ‘‘हंसदा ने हमेशा आदिवासी समुदाय की आवाज उठाई तथा सरकारी मशीनरी एवं माफिया द्वारा की जा रही अवैध गतिविधियों, अन्याय, शोषण और उत्पीड़न का लगातार विरोध किया। उन्होंने आदिवासी अधिकारों, शिक्षा, भूमि सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के लिए लगातार संघर्ष किया। उन्हें एक ईमानदार नेता के रूप में देखा जाता था, लेकिन प्रशासन ने कुछ प्रभावशाली तत्वों के साथ मिलकर उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारने की साजिश रची।''

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने आरोप लगाया कि हंसदा की ‘फर्जी मुठभेड़ में हत्या' की गयी। मुंडा ने कहा, ‘‘हम इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। यह सिर्फ एक व्यक्ति या परिवार का मामला नहीं है, बल्कि आदिवासी समुदाय के अधिकारों और न्याय का मामला है। अगर किसी निर्दोष व्यक्ति की हत्या को प्रशासनिक संरक्षण दिया गया, तो लोकतंत्र और न्यायपालिका पर समाज का भरोसा खत्म हो जाएगा।''

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *