Friday, December 26

7 मार्च से शुरू होगा विस बजट सत्र, अफसरों की अरुचि

7 मार्च से शुरू होगा विस बजट सत्र, अफसरों की अरुचि


भोपाल
विधानसभा में प्रदेश की विधानसभाओं की समस्याओं और मसलों को उठाने वाले विधायकों के सवालों, ध्यानाकर्षण पर मंत्रियों द्वारा सदन में दिए गए 764 आश्वासन विभागों के अफसरों की अरुचि के कारण पूरे नहीं हो पा रहे है। इसके चलते समस्याओं का निपटारा नहीं होने से विधायक भी परेशान है और मंत्रियों को भी आश्वासन पूरे नहीं होने के कारण विधायकों की नाराजगी झेलना पड़ रहा है।

विधानसभा का नया सत्र एक सप्ताह बाद शुरु होने वाला है और अभी तक ये आश्वासन पूरे नहीं हो पाए है। इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम और संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से अपनी नाराजगी का इजहार किया है। मंत्रियों द्वारा सदन के भीतर दिए गए सर्वाधिक 112 आश्वासन नगरीय प्रशासन विभाग के लंबित चल रहे है। विभागीय अफसर इन आश्वासनों को पूरा करने में रुचि नहीं ले रहे है जिसके चलते विभागीय मंत्री की भी किरकिरी हो रही है।

दूसरे नंबर पर है स्कूल शिक्षा विभाग जो अपने ही विभागीय मंत्री द्वारा सदन के भीतर दिए गए 111 आश्वासन पूरे नहीं कर पाया है। पिछले साल दिसंबर तक नगरीय प्रशासन विभाग के 114 आश्वासन बाकी थे इसमें से केवल दो आश्वासन पूरे हो पाए। स्कूल शिक्षा विभाग के पिछले साल 120 आश्वासन बाकी थे। इसमें से 9 का निराकरण हो पाया है। पिछले साल दिसंबर तक लोक निर्माण विभाग के कुल 79 आश्वासन बाकी थे। इनमें से केवल दस ही पूरे हुए है। अभी भी 69 आश्वासन पूरे होना बाकी है। गृह विभाग ने 85 आश्वासनों में से 23 पूरे कर दिए है और अब भी 62 आश्वासन पूरे होना बाकी है।

36 विभागों के अफसरों ने पूरे नहीं किए आश्वासन
प्रदेश के कुल 36 सरकारी विभाग ऐसे हैं जहां मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासन पूरे नहीं हो पाए है। जनजातीय कार्य विभाग में अभी 51 आश्वासन पूरे होना बाकी है। इसके अलावा खाद्य विभाग में 39, सहकातिा विभाग में 3, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 34, कृषि विभाग में 34, चिकित्सा शिक्षा विभाग में 24, तकनीकी शिक्षा विभाग में 19, राजस्व विभाग में 15, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, स्वास्थ्य और आयुष विभाग में तेरह-तेरह आश्वासन पूरे नहीं हो पाए है।  उद्यानिकी, वन, महिला बाल विकास,सामान्य प्रशासन, परिवहन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी,  जल संसाधन, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, खेल एवं युवा कल्याण, संस्कृति, विधि और विधायी कार्य, उच्च शिक्षा, वित्त, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य, पशुपालन, गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, लोक सेवा प्रबंधन, पर्यटन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग में भी मंत्रियों के सभी आश्वासन पूरे नहीं हो पाए है।

 

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