भोपाल
प्रदेश में महिला पुलिस बल की कमी के चलते पुलिस मुख्यालय अपने पुराने आदेश का ही पालन नहीं करवा पा रहा है। दरअसल राज्य शासन और पुलिस मुख्यालय की मंशा थी कि प्रदेश के सभी थानों में महिला पुलिस कर्मियों या अफसरों की हर हाल में तैनाती हो। इसके चलते आदेश जारी हुआ था,लेकिन प्रदेश में अभी भी लगभग 20 प्रतिशत से ज्यादा थाने ऐसे हैं, जहां पर महिला पुलिसकर्मियों या अफसर पदस्थ ही नहीं हैं। अब इन थानों में महिला पुलिस बल को पदस्थ करने की कवायद एक बार फिर से शुरू होने जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद मध्य प्रदेश में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना शुरू किया गया था। इसके पीछे यह सोच थी कि महिला फरियादियों की सुनने के लिए हर थाने में महिला पुलिसकर्मियों को पदस्थ किया जाए। इसके साथ ही अपराधों को रोकने और अंकुश लगाने के लिए महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और उन्हें इसकी जिम्मेदारी देने के लिहाज से यह फैसला लिया गया था।
इस फैसले के साथ ही यह तय हुआ था कि प्रदेश के करीब 1100 थानों में महिला पुलिसकर्मियों को पदस्थ किया जाएगा। इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन इन निर्देश के बाद भी सभी थानों में इन्हें पदस्थ नहीं किया जा सका। अब पुलिस मुख्यालय ने यह जानकारी तलब की है कि किन-किन थानों में महिला पुलिसकर्मी पदस्थ नहीं है। इस जानकारी के आने के प्रदेश के अधिकांश थानों में महिला पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग किये जाने की संभावना है। ऐसा माना रहा है कि प्रदेश में 20 से 25 प्रतिशत थानों में महिला पुलिसकर्मी या अफसर पदस्थ नहीं हैं।

