पणजी
गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर तमाम पार्टियों ने कमर कस ली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 30 अक्टूबर से गोवा में विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। चुनाव प्रचार के बाद वह मछुआरों और खनन पर लगाए गए प्रतिबंध से प्रभावित लोगों से भी मुलाकात करेंगे। बता दें कि साल 2018 में भारत के शीर्ष न्यायालय ने गोवा के 88 खनन पट्टों के नवीनीकरण को रद्द करने के बाद लौह अयस्क खनन पर रोक लगा दी थी। बता दें कि खनन उद्योग राज्य की बड़ी आबादी के लिए आजीविका का साधन है। वहीं गोवा की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने भी अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
इसको लेकर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान हम जनता के सामने सरकार स्वयंपूर्ण गोवा योजना, कोरोना को लेकर प्रबंधन और राज्य की अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों को रखेंगे।
गोवा चुनाव बता दें कि कांग्रेस पार्टी के लिए गोवा विधानसभा के चुनाव काफी मायने रखते हैं, क्योंकि पार्टी पहले ही कई राज्यों में अपनी सत्ता गंवा चुकी है और यहां भी पिछले चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें पाने के बावजूद वह सरकार बनाने से चूक गई और भाजपा ने छोटे दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली। वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से गोवा विधानसभा चुनाव के पर्यवेक्षक बनाए गए वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम का मानना है कि जो पार्टी गोवा में सरकार बनाती है वहीं केंद्र में सरकार बनाती है और आंकड़े भी यही स्थिति बयां करते हैं लेकिन गोवा चुनावों से ही केंद्र की सत्ता पर काबिज होने का रास्ता निकलता हो ये जरूरी नहीं।
वहीं गोवा में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 17 सीटें मिली थीं, वहीं भाजपा 13 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। लेकिन क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर भाजपा ने सरकार बनाई। वहीं चिदंबरम का मानना है कि राज्य में इस बार भाजपा के खिलाफ सत्ताविरोधी लहर है।