नई दिल्ली
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। संसद के शीतकालीन सत्र को इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। असल में सरकार इस सत्र में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए एक विधेयक पेश करेगी। इससे पहले ही यह सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।
टीएमसी ने इन पर रखी बात
इस दौरान टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने सर्वदलीय बैठक में दस मुद्दे उठाए हैं। इन मुद्दों में बेरोजगारी, जरूरी वस्तुओं और ईंधन की कीमतें, एमएसपी पर कानून, कमजोर होता संघीय ढांचा, लाभ में चल रहे सरकारी उपक्रमों में विनिवेश को रोकना, बीएसएफ का न्याय क्षेत्र, पेगासस का मुद्दा, कोविड के हालात, महिला आरक्षण बिल, बिलों की स्क्रूटनी से जुड़ा माला आदि हैं।
खड़गे बोले-प्रधानमंत्री से मिलने की थी उम्मीद
सर्वदलीय बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहाकि इस दौरान कई मुद्दे उठाए गए। उन्होंने कहाकि हमने सरकार से मांग की है कि कोविड 19 के चलते जान गंवाने लोगों के परिवार को चार-चार लाख रुपए दिए जाने चाहिए। इसके अलावा कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनके परिवारों को भी सरकार मुआवजा दे। खड़गे ने कहाकि हमें उम्मीद थी कि आज प्रधानमंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे। लेकिन कुछ वजहों से वह बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहाकि सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया है, लेकिन प्रधानमंत्री का कहना है कि वह किसानों को समझा नहीं सके। इसका मतलब है कि यह कानून भविष्य में फिर वापस लाए जा सकते हैं।
सरकार सकारात्मक चर्चा के लिए तैयार
वहीं संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहाकि बिना व्यवधान सदन चले हमने यह निवेदन सभी विपक्षी दलों से किया है। उन्होंने कहाकि सरकार सभी सुझावों और विषयों पर सकारात्मक चर्चा के लिए तैयार है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,राज्य सभा मे सदन के नेता पीयूष गोयल समेत कई विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में पहुंचे हैं। विपक्षी दलों से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा,बहुजन समाज पार्टी से सतीश चंद्र मश्रिा, तृणमूल से सुदीप बंदोपाध्याय, डेरेक ओ ब्रायन, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति पारस, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, आप आदमी पार्टी से संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कनगम से त्रिची सिवा, वाईएसआर कांग्रेस से विजय साई रेड्डी समेत कई दलों के नेता शामिल हुए।