भोपाल
मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अब 15 नवंबर से विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्कूल बच्चों ली जाएगी जिनके माध्यम से उनके माता-पिता को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा। विशेष अभियान प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर फैले भ्रम को दूर करने की दिशा में भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
मध्य प्रदेश में आज भी नौ फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीनेशन के तहत पहला डोज नहीं लगा है। वहीं 64 फीसदी लोग अभी भी ऐसे हैं जिन्हें दूसरा डोज लगना है लेकिन वे इसके लिए अभी भी वैक्सीनेशन कराने नहीं पहुंचे हैं। राज्य सरकार की यह कोशिश है कि इस साल के अंत तक प्रदेश में पूरी आबादी को कोरोना वैक्सीनेशन हो जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैक्सीनेशन की समीक्षा के दौरान विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
रोजाना हो रहे हैं 58 हजार कोरोना टेस्ट
भोपाल, इंदौर जैसे जिले जहाँ तुलनात्मक रूप से कोरोना के प्रकरणसामने आते रहते हैं, वहाँ विशेष रूप से सघन टेस्टिंग जारी रहे। बताया जाता है कि प्रदेश में प्रतिदिन 58 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं। प्रदेश की 18 साल से अधिक आयु वर्ग की कुल जनसंख्या 05 करोड़ 49 लाख 50 हजार है, जिसमें से 04 करोड़ 98 लाख 50 हजार लोगों को प्रथम डोज़ और 02 करोड़ व्यक्तियों को द्वितीय डोज़ लग चुका है। इस प्रकार प्रथम डोज़ 91 प्रतिशत
और द्वितीय डोज़ 36 प्रतिशत पात्र जनसंख्या को लग चुका है।
दूसरे डोज के लापरवाहों पर कॉल सेंटर से फोन लगाए जाने के निर्देश
सीएम ने समीक्षा के दौरान दूसरा वैक्सीन लगवाने में लापरवाह व्यक्तियों को कॉल सेंटर से फोन कर उनका वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। प्रदेश में तीन जिले क्रमश: भोपाल, इंदौर और आगर ने प्रथम डोज़ के वैक्सीनेशन में शत-प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की है। छिंदवाड़ा में 97 प्रतिशत और उमरिया में 95 प्रतिशत प्रथम डोज़ का वैक्सीनेशन हो चुका है। 23 जिलों में यह 90 से 95प्रतिशत के बीच है। 17 जिलों में यह 85 से 90 प्रतिशत के बीच है और देवास, अलीराजपुर, पन्ना, खरगोन, सीधी और भिण्ड में प्रथम डोज़ का वैक्सीनेशन 80 से 85 प्रतिशत के बीच हुआ है। द्वितीय डोज़ लगाने में भोपाल और इंदौर में 59 प्रतिशत जनसंख्या को कवर किया जा चुका है। भोपाल में 70 प्रतिशत और इंदौर में 50 प्रतिशत पात्र जनसंख्या ऐसी है, जिसने पहला डोज़ तो लगवा लिया है पर उनका वैक्सीन का दूसरा डोज़ अभी लंबित है।