लखनऊ
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या एक बार फिर राजनीतिक केंद्र विंन्दु बनता जा रहा है। सभी राजनीतिक दल अयोध्या को एक राजनीतिक लांचिंग पैड के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। एआईएमआईएम, बसपा के बाद अब आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अयोध्या पहुंचे हैं। केजरीवाल सरयू किनारे आरती करने के साथ ही रामलला के दर्शन किए। क्या जैसे जैसे चुनाव नजदीक आएगा वैसे वैसे अयोध्या एक बार फिर केंद्र बनेगा और बिना राम के किसी भी दल का उद्धार होने वाला नहीं है।
हालांकि राजनीति में सबकुछ जायज है और अयोध्या को लेकर सभी दल अपने अपने दावे कर रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। सभी पार्टियां अयोध्या पर कर रहीं फोकस दरअसल, बाबरी मस्जिद मामले में फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के साथ, राजनीतिक दलों ने संकेत दिया है कि लड़ाई इस मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमेगी और अयोध्या को अपने अभियान के लिए लॉन्च पैड के रूप में इस्तेमाल किया है। विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के 6 नवंबर, 2019 के फैसले ने महत्वपूर्ण चुनावों से पहले अयोध्या मुद्दे को फिर से केंद्र में ला दिया है। भाजपा, सपा, बसपा सहित राजनीतिक दल 2022 के चुनावों के लिए अपने अभियान को गति देने के लिए अयोध्या का उपयोग कर रहे हैं।
ओवैसी और राजा भैया पहुंच चुके हैं अयोध्या असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले एआईएमआईएम और कुंडा विधायक (निर्दलीय) रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के नेतृत्व में जनसत्ता लोकतांत्रिक दल सहित छोटे दल भी शहर का इस्तेमाल अभियान के लिए कर रहे हैं। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वर्तमान में भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता कर रहे हैं। 5 अगस्त, 2020 को एक भव्य मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 'भूमि पूजन' कर रहे हैं, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर आते रहते हैं।