मॉस्को । रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी का 85 प्रतिशत लोगों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखाई दिया। वैक्सीन को बनाने वाले गमलेया रिसर्च सेंटर के हेड अलेग्जेंडर गिंट्सबर्ग ने इसकी जानकारी दी है। अलेग्जेंडर ने कहा, ‘वैक्सीन के साइड इफेक्ट 15 प्रतिशत लोगों पर दिखाई दिए। स्पूतनिक वी के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। रूस ने अगस्त में अपनी पहली कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी रजिस्टर कराई थी। इस लेकर दुनियाभर, खासकर पश्चिम में काफी सवाल उठाए गए थे। पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया था कि रूस सिर्फ वैक्सीन की रेस में आगे निकलने के लिए जल्दबाजी दिखा रहा है। दरअसल, रूस ने बिना तीसरे चरण के ट्रायल पूरे किए वैक्सीन रजिस्टर करा दी थी। वहीं, रूस ने कहा था कि उसने अपनी पुरानी तकनीक का इस्तेमाल कर वैक्सीन बनाई है इसलिए तेजी से विकसित कर ली है।
दिमित्रीव ने पश्चिमी मीडिया पर सवालकर पूछा कि चिंपान्जी अडेनोवायरस वेक्टर पर आधारित वैक्सीन तैयार करने की कोशिश में होने वाले खतरों पर मीडिया चुप क्यों है। कंपनी ने पहले कहा था कि रूस की वैक्सीन के ट्रायल के नतीजों में पता चला है कि इंसानी एडिनोवायरस वेक्टर एमआरएएन या चिंपान्जी एडिनोवायरस वेक्टर से बेहतर हो सकता है। इस दो हिस्से वाले टीके में रीकोम्बीनेंट ह्यूमन अडेनोवायरस टाइप 26 (आरएडी26-एस) और रीकॉम्बिनेंट ह्यूमन अडेनोवायरस टाइप 5 (आरएडी5-एस) शामिल हैं। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक ‘अडेनोवायरस’ के चलते आमतौर पर जुकाम होता है। टीके में इस भी कमजोर कर दिया गया है ताकि वे मानव कोशिकाओं में प्रतिकृति नहीं बना पाएं और रोग पैदा नहीं कर सकें।
![रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी का 85 प्रतिशत लोगों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं](https://thenewshouse.in/wp-content/uploads/2020/10/coronavirus-vaccine_-749x440.jpeg)