नई दिल्ली
पूरी दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन से परेशान है और जलवायु परिवर्तन के पीछे की सबसे बड़ी वजह प्रदूषण ही है। विश्व की सरकारें अभी भी जलवायु परिवर्तन को रोकने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वो कदम नहीं उठा रही हैं, जिसकी सख्त जरूरत है। इस बीच विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट जारी कर दी गई है, जिसमें तीन भारतीय शहरों के नाम भी दर्ज हैं।
प्रदूषण से परेशान दुनिया
दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर, आस-पास के राज्यों में खेत की आग से निकलते धुएं ने खतरनाक स्थिति बना दी है। शहर के स्थानीय प्रदूषण स्रोतों जैसे गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण, स्वास्थ्य संबंधित आपातकाल की चिंता पैदा हो गई है। इस बीच, स्विट्जरलैंड स्थित जलवायु समूह आईक्यूएयर की वायु गुणवत्ता और प्रदूषण शहर ट्रैकिंग सेवा, जो संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का एक टेक्नोलॉजिकल भागीदार भी है, उसकी रिपोर्ट में विश्व के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहरों को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, इन शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर से भी ज्यादा तक पहुंच गया है।
सबसे खतरनाक बात ये है कि विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की लिस्ट में भारत की राजधानी दिल्ली को शीर्ष पर रखा गया है और कहा गया है कि, दिल्ली की हवा हर खतरनाक लेवल को पार कर चुकी है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 556 दर्ज किया गया है, जो विश्व में सबसे ज्यादा है। वहीं, भारत के बाकी दो शहरों की बात करें तो पहले नंबर पर राजधानी दिल्ली के बाद चौथे नंबर पर एक वक्त भारत की आर्थिक राजधानी रही कोलकाता का नाम है। जिसका एयर क्वालिटी इंडेक्श 177 है। जबकि, इस लिस्ट में मुंबई छठवें नंबर पर है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि, सबसे ज्यादा खराब एयर क्वालिटी इंडेक्श में दिल्ली के बाद पाकिस्तान का लाहौर शहर और चीन का चेंगदू शहर शामिल हैं।
एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक, दिल्ली पहले नंबर पर-556, फिर लाहौर-354, सोफिया (बुल्गेरिया 178), कोलकाता (177), जगरेब (क्रोएशिया 173), मुंबई-169, बेलग्रेड, सर्बिया-165, चेंगदू-चीन 465, स्कोप्जे, उत्तरी मैसेडोनिया (एक्यूआई: 164) और दसवें नंबर पर क्राको, पोलैंड (एक्यूआई: 160) शहर शामिल हैं। खास बात ये है कि, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी का डिसिजन सपोर्ट सिस्टम, जो दिल्ली की एयर क्वालिटी को लेकर पुर्वानुमान जताता है और प्रदूषण की वजहों और घटकों की पहचान करता है, उसने कहा कि, शुक्रवार को दिल्ली में पढ़ते प्रदूषण के लिए पड़ोसी शहर जैसे झज्जर, गुरुग्राम, बागपत, गाजियाबाद और सोनीपत भी जिम्मेदार हैं और इन जगहों से भी राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पहुंचा है।
पराली जलाने से प्रदूषण
डिसिजन सपोर्ट सिस्टम के विश्लेषण रिपोर्ट से पता चला है कि शुक्रवार को, धान की पराली की आग ने दिल्ली के पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास वाले अल्ट्राफाइन पार्टिकुलेट मैटर) में 15 प्रतिशत का योगदान दिया है। वहीं, स्थानीय वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। घरों से होने वाले उत्सर्जन में 7 प्रतिशत का योगदान था। दिल्ली और इसकी परिधि में कणों के स्तर और उद्योगों का प्रतिशत शहर के प्रदूषण प्रोफाइल का 9-10 प्रतिशत है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ने कहा कि पराली की आग से शुक्रवार को हवा में कम से कम 35 प्रतिशत प्रदूषक पाए गए।