पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया। मालूम हो कि हाल में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल और कुंदन सिंह ने शराबबंदी की समीक्षा करने की बात कही थी। वहीं चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा था कि बाहर से आने वालों को होटलों में शराब पीने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही, बिहार में गुजरात मॉडल की वकालत की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वालों की छूट की बात कही जा रही है। इससे गलत बात कुछ और नहीं हो सकती। जहरीली शराब को लेकर हाल की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि दारू पीया, इसलिए मरा। जो लोग दारू पीने गये उन्हें खराब दारू मिली। इस पर कुछ लोग चिंता प्रकट कर रहे थे कि खराब दारू मिली। तो क्या अच्छी दारू मिलनी चाहिए थी?
इसका मतलब उनके अनुसार दारू मिलनी चाहिए क्या? मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक आदमी को समझना चाहिए कि दारू नहीं पीयें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून सर्वसम्मति से पारित हुआ। अभी कुछ लोगों की बात सुनते हैं तो हमें आश्चर्य होता है। आखिर गड़बड़ बयान देने का मतलब क्या है? यह सब दिमाग में है कि शराब मिल जाये।