Friday, October 4

भारतीय सेना को भीषण ठंड से बचने ऑल वेदर सोलर टेंट लगाने का सरकार का फैसला

भारतीय सेना को भीषण ठंड से बचने ऑल वेदर सोलर टेंट लगाने का सरकार का फैसला


नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में चीन की हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार बैठे भारतीय सेना के जवानों को अब कंपकंपाती ठंड ज्यादा परेशान नहीं करेगी। भारत और चीन के बीच सीमा तनाव तेज होने के साथ ही केंद्र सरकार ने 17000 फीट की ऊंचाई और माइनस 40 डिर्गी वाले स्थान पर भारतीय सेना के जवानों के लिए ऑल वेदर सोलर टेंट तैनात करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने ऑल वेदर और हाई अल्टीट्यूड वाले सोलर पावर टेंट को मंजूरी दे दी है, जो 17,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात किए जा सकते हैं। इस टेंट की खास बात यह होगी कि ये सोलर टेंट शून्य से माइनस 35 डिग्री से माइनस 40 डिग्री से अधिक तापमान के बीच भी काम कर सकते हैं।

 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने यह सुझाव दिया था, जो पिछले चार वर्षों से विचाराधीन थे। मगर पिछले साल पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन गतिरोध के बाद इस सुझाव पर अमल करना तेज कर दिया गया था। इस मामले से परिचित अधिकारियों ने कहा कि आईटीबीपी कुछ ठिकानों पर अभी सोलर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है, मगर सौर ऊर्जा से चलने वाले टेंट उन्हें बहुत अधिक ऊंचाई पर उप-शून्य तापमान बनाए रखने में मदद करेंगे। लद्दाख में काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जचेप ला तक भारत-चीन सीमा पर लगभग 180 सीमा चौकियां हैं। हिमालयी सीमा पर लंबी दूरी की गश्त के दौरान राशन, रसद और आईटीबीपी कर्मियों के ठहरने के लिए एक जगह उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त 47 सीमा चौकियों और 12 शिविरों का निर्माण किया जा रहा है।

एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अधिक चौकियों की स्थापना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये चौकियां अत्यधिक बर्फ और ठंड के दौरान छोड़े नहीं जाते हैं। शुरू में हम लगभग 50 ऐसे ऑल वेदर टेंट प्रदान करने की योजना बना रहे हैं। टेक्नोलॉजी का उपयोग करक इन टेंट्स के अंदर तापमान 21 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखा जाएगा। इतना ही नहीं, यह ऑल वेदर टेंट 150 किमी से अधिक की हवा की गति का सामना करने में भी सक्षम होगा।

एक्सपर्ट्स द्वारा अप्रूव्ड हाई अल्टीट्यूड वाले सोलर टेंटों के लिए आवश्यक है कि उनका रंग ऐसा होना चाहिए कि यह परिवेश के साथ छलावरण कर सके। साथ ही यह भी जरूरी है कि इन टेंटों के निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री अग्निरोधक हो। बता दें कि पहले अत्यधिक ठंड में जवान नीचे की ओर उतर जाते थे, जिसकी वजह से चीन भारत के कई इलाकों पर कब्जा कर लेता था, मगर अब भारत ने भी चीन को हर मौसम में माकुल जवाब देने को तैयारी कर ली है।

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