भोपाल
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में के इंजीनिरिंग विभाग में प्रवेश को लेकर अजब सी स्थिति बनी हुई है। जहां आरजीपीवी में शत प्रतिशत प्रवेश हो चुके हैं। बीयू में 50 फीसदी प्रवेश नहीं पहुंच सके हैं। आज सीएलसी का अंतिम दिन है, जिसके कारण बीयू में प्रवेश की स्थिति में सुधार हो सकता है। विद्यार्थी बीयू की अपेक्षा निजी कॉलेजों में पढ़ना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
बीयूआईटी में सीएस, आईटी, ईसी, मेकेनिकल और सिविल में 300 सीटें हैं। इसमें सिर्फ सीएस की साठ सीटों पर प्रवेश हुए हैं। जबकि शेष ब्रांचों में पचास फीसदी प्रवेश भी नहीं हो सके हैं। बल्कि आरजीपीवी के यूटीडी की उक्त ब्रांचों में दूसरे राउंड की इंटरनल स्लाइडिंग में सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। सिर्फ आटोमोबाइल में तीन और पीसीटी में 24 सीटें रिक्त बनी हुई हैं। उक्त सीटों पर प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों ने सीएलसी में पंजीयन करा लिए हैं। इसलिए उक्त सीटों पर आज प्रवेश हो जाएंगे, जिससे आरजीपीवी में दाखिले फुल हो जाएंगे। वहीं, दूसरी तरफ बीयू में पचास फीसदी सीटें रिक्त बनी हुई हैं।
विद्यार्थी बीयूआईटी में प्रवेश नहीं लेना चाहते हैं। इसकी वजह बीयूआईटी में फैकल्टी का अभाव होना है। बीयू कुलपति प्रो आरजे राव नियुक्तियों से बचे हुए हैं। वहीं, विद्यार्थियों को प्लेसमेंट में परेशानी उठाना पडती है। इसलिए विद्यार्थी बीयूआईटी की अपेक्षा एलएनसीटी, ओरिएंटल, टुÑबा, ट्रिनिटी सहित अन्य निजी कॉलेजों में ज्यादा फीसदी देकर बीई की डिग्री करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
प्रदेश के 155 सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की करीब 23 हजार सीटों पर प्रवेश देने सिर्फ आज कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) होगी। कल सीएलसी में इंजीनियरिंग में दो हजार 644 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रवेश कम्प्यूटर साइंस में हुए हैं। इससे इंजीनियरिंग कॉलेजों का प्रवेश का आंकड़ा 31 हजार पार कर गया है। वर्तमान में करीब तीन हजार विद्यार्थियों का पंजीयन सीएलसी में बना हुआ है। आज भी विद्यार्थी पंजीयन कर प्रवेश ले पाएंगे। आज पांच बजे के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग के सभी कोर्स के प्रवेश पर विराम लग जाएगा। क्योंकि एआईसीटीई प्रवेश तिथि में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी करना नहीं चाहता है। आज बीफार्मा, डीफार्मा, एमबीए, पॉलीटेक्निक और अन्य कोर्स में प्रवेश होंगे।