हेल्थ डेस्क। कोरोना महामारी से लड़ाई हॉस्पिटलों में लड़ी जा रही है, लेकिन इसकी क़ामयाबी बहुत हद तक इसकी दवाई की खोज पर और स्वास्थ्य विवस्थाओं पर निर्भर करती है। क्योंकि किसी भी देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की रैंकिंग और वायरस को नियंत्रित करने की उसकी क्षमता के बीच सीधा संबंध है।
कोरोना महामारी में दवा का बाजार भी पूरी तरह बदल गया। मेडिकल स्टोर पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री में उछाल देखने को मिला है। शुगर, बीपी व न्यूरो की दवाओं की बिक्री पर्ची के आधार पर हो रही है और इसी बीच ग्राहकों की मांग पर कुछ नई दवाएं भी मार्केट में आ गई हैं।
वहीं भोपाल के फिजिशियन डॉक्टर अतुल दत्ता का कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर कहना है कि जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है। आगामी समय में संक्रमितों की संख्या घट सकती है।
मेडिकल स्टोर संचालकों के मुताबिक, कोरोना कहर के बीच सिर दर्द और बुखार की दवा पैरासिटामॉल खूब बिक रही है, ताकि कोरोना जैसे लक्षण उभरें नहीं, इसलिए लोग एडवांस में पैरासिटामाल का सेवन कर रहे हैं।