Saturday, July 27

चंद्रमा और राहु की युति से बना ग्रहण योग, इन 4 राशियों पैर असर

चंद्रमा और राहु की युति से बना ग्रहण योग, इन 4 राशियों पैर असर


ग्रहों की बदलती स्थितियां हमारी जिंदगी पर बड़ा असर डालती हैं. एक बार फिर ऐसा ही बड़ा बदलाव हुआ है जो कि कुछ राशि वालों के लिए बहुत अशुभ है. दरअसल, चंद्रमा राहु के साथ मिलकर ग्रहण योग बना रहा है, जिसे ज्‍योतिष में बहुत अशुभ माना गया है. हालांकि चंद्रमा अन्‍य ग्रहों के साथ भी युति करता है और वे भी शुभ-अशुभ होती हैं, लेकिन चंद्रमा और राहु की युति को बेहद अशुभ माना गया है. यह ग्रहण योग वृषभ राशि में बन रहा है, जो कि 23 अक्‍टूबर से शुरू हो गया है और 25 अक्‍टूबर 2021 की दोपहर  02:37 बजे तक रहेगा.

ये राशि वाले रहें सतर्क

चंद्रमा का ग्रहण योग वैसे तो ज्‍यादातर लोगों में नकारात्‍मकता और निराशा का भाव बढ़ा देता है क्‍योंकि चंद्रमा मन-मस्तिष्‍क का स्‍वामी ग्रह है. लेकिन वृषभ राशि में ग्रहण योग बनने से यह वृषभ के अलावा कन्या, तुला और वृश्चिक राशि वालों के जातकों के लिए खासतौर पर अशुभ रहेगा. इस दौरान इन 4 राशियों के जातकों को बहुत संभलकर रहना चाहिए.

ग्रहण योग के दौरान जातकों को अनिद्रा, बुरे सपने आना, नकारात्‍मकता हावी होना, संशय की स्थिति रहने जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं. इससे बचने के लिए उन्‍हें भगवान शिव की आराधना करना चाहिए और शिवमंत्रों का जाप करना चाहिए.

कब बनता है ग्रहण योग

ज्‍योतिष शास्‍त्र के मुताबिक जब जातक की कुंडली के 12 भावों में से किसी भी भाव में सूर्य और चंद्रमा के साथ राहु या केतु में से कोई भी एक पापी ग्रह मौजूद हो तो 'ग्रहण योग' बनता है. ऐसे में जिस भाव में यह ग्रहण योग बनता है, उस भाव से संबंधित जिंदगी के पहलुओं पर जातक को बुरे नतीजे मिलते हैं. मसलन- करियर का भाव है तो करियर में मुश्किलें आएंगी. यद‍ि शादी-विवाह से जुड़ा भाव है तो शादी में दिक्‍कतें आती हैं. ऐसी स्थिति में जातक को चंद्रमा बेहतर करने के उपाय करना चाहिए, साथ ही पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए.

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