भिंड
अटेर में अटल प्रोग्रेस-वे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी बीच एसडीएम उदयसिंह सिकरवार पर इस क्षेत्र में किसानों की भूमि ख्रीदने के आरोप लग रहे हैं। बुधवार को पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने भी एसडीएम को घेरा। उन्होंने कहा जिन ग्रामीणों के विकास के लिए हाईवे बनाया जा रहा है, उसमें एसडीएम अपना विकास कर रहे हैं। खेराहट गांव में साढ़े 8 बीघा जमीन अपने और पत्नी के नाम से खरीदी है। किसानों को गुमराह किया गया कि इस क्षेत्र से निकलने वाले हाईवे में आपकी जमीन चली जाएगी, और गुमराह कर लोगों जमीन की रजिष्ट्री करा ली। कटारे ने कहा यह पूरा खेल सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया के आशीर्वाद से चल रहा है।
उन्होंने कहा खास बात यह है कि उदयसिंह, अरविंद सिंह भदौरिया के चहेते हैं। गरीब किसानों को धमकाया गया, उन्हें पता ही नहीं कि यहां जमीन महंगी होने वाली है। शासन की योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए, लेकिन यहां जो किसान हैं उनकी भूमि महंगी हो रही है, कल उन्हें रोजगार मिलेगा, उनकी जमीन सस्ते दाम पर एसडीएम खरीद रहे हैं। पूरा अमला उनके अंडर में है और खबर भिजवा रहे हैं। अधिकारी कहते हैं कि यह जमीन खत्म होने वाली है, यहां से हाईवे निकलेगा, क्योंकि औने-पौने दामों में वह जमीन खरीद सकें। शासन के नियम अनुसार कोई भी व्यक्ति शासन में सेवक है उसको जगह खरीदने के पहले शासन की अनुमति लेना अनिवार्य है। विसिल सेवा आचरण अधिनियम 1965 में स्पष्ट कहती है कि कोई भी भूमि खरीदनी है तो उसकी अनुमति सामान्य प्रशासन विभाग से लेनी पड़ेगी। लेकिन एसडीएम ने बिना अनुमति के जमीन खरीद ली है।
खाद मांगा तो करा दी एफआईआर:
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व विधायक ने सारुपुरा निवासी मुनेंद्र सिंह भदौरिया नाम के किसान को मीडिया से रूबरू कराया। किसान ने बताया कि 15 तारीख को खाद लेने सोसाइटी पर गए थे। लेकिन सचिव ने खाद देने की बजाय थाने में आवेदन दे दिया। सचिव से जब पूछा कि ऐसा क्यों कर रहे हो, तो उसने कहा कि मेरे ऊपर दद्दा देवेंद्र सिंह का दबाव है। अगर कार्रवाई से बचाना चाहते हो तो उनके पैर पकड़ लो। किसान ने कहा कि मैंने पैर भी पकड़े, फिर भी एफआईआर दर्ज करा दी। पूर्व विधायक कटारे ने कहा इस तरह की झूठी कार्रवाई करके किसानों का आत्मबल कुचला जा रहा है। वोट न देने वाले लोगों को टारगेट किया जा रहा है। ऐसा केवल अटेर क्षेत्र में सबसे अधिक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सहकारिता मंत्री मुख्यरूप से यूपी के रहने वाले हैं, इसलिए उन्होंने किसानों का खाद इटावा में ब्लेक करवा दिया। यहां किसान अपने बीबी-बच्चों के साथ घंटों लाइन में खड़े रहे।