Wednesday, October 9

सरकारी कर्मियों को विपश्यना केंद्र में साधना के लिए मिलेगा 15 दिनों का अवकाश: CM नीतीश

सरकारी कर्मियों को विपश्यना केंद्र में साधना के लिए मिलेगा 15 दिनों का अवकाश: CM नीतीश


पटना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने विपश्यना केंद्र में साधना के लिए 15 दिनों का अवकाश देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि शुक्रवार को राष्ट्रपति जी बुद्घ स्मृति पार्क और विपश्यना केंद्र को देखने जाएंगे। तीन जुलाई 2018 से यहां विपश्यना केंद्र का नियमित संचालन हो रहा है। हमलोग चाहते हैं कि जितने भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी हैं, वे विपश्यना केंद्र में जाएं और उसका अनुभव प्राप्त कर लें। दस दिनों का यहां कोर्स चलता है। अब-तक 1200 लोग विपश्यना केंद्र में भाग ले चुके हैं। मुख्यमंत्री गुरुवार को विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह में बोल रहे थे। कहा कि राष्ट्रपति वहां जाएंगे और कोई उनका सुझाव आएगा तो हमलोग उस पर काम करेंगे। इसे और बेहतर बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहली बार तीसरा कृषि रोडमैप की शुरुआत करने के लिए नौ नवंबर 2017 को बिहार आए थे। इसके बाद 15 नवंबर 2018 को डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आए थे।

 

25 अक्टूबर 2019 को विश्व शांति स्तूप, राजगीर के 50 वें वार्षिकोत्सव में हमारे विशेष आग्रह पर ये यहां पधारे थे। जापान के फूजी गुरु जी ने विश्व शांति स्तूप का निर्माण कराया था। विश्व शांति स्तूप का शिलान्यास छह मार्च 1965 को तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया और 25 अक्टूबर 1969 को राष्ट्रपति वीवी गिरि ने इसका उद्घाटन किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल से 22 मार्च 1912 को बिहार अलग हुआ था। बिहार के साथ ओडिशा भी उसका हिस्सा था। जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो वर्ष 2009 से ही 22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। वर्ष 2012 में बिहार राज्य के 100 साल पूरा होने पर भव्य कार्यक्रम हुआ था। उस समय के विधानपरिषद के सभापति ताराकांत झा द्वारा कार्यक्रम के लिए किए गए मेहनत को हमेशा याद किया जाना चाहिए। 22 मार्च 2011 से विधायी परिषद बनी थी, उसके लिए कार्यक्रम शुरू किया गया था। उस कार्यक्रम में उस समय की राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जी शामिल हुई थीं। पूरे एक साल तक कार्यक्रम चला था। तीन मई 2011 को पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब को बुलाया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायी परिषद की पहली बैठक पटना कॉलेज में 20 जनवरी 1913 को हुई थी। 100 वें साल में हमलोगों ने वर्ष 2012 में पटना कलेज में एक कार्यक्रम किया था। विधानसभा भवन के 100 साल पूरा होने पर आज कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सात फरवरी 2016 से इसके लिए कार्यक्रम की शुरुआत की थी। वे भी इसके लिए बधाई के पात्र हैं।

 

बहुत सुंदर बनेगा शताब्दी समृति स्तंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया है। यह बहुत सुंदर बनेगा। बोधगया से लाए गए शिशु बोधि वृक्ष का भी आज रोपण किया गया। बोधि वृक्ष के पास भगवान बुद्घ को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बोधि वृक्ष के रहने से यहां के जो प्रतिनिधि आएंगे, उन सबका ज्ञान और बढ़ेगा। हमलोगों ने बुद्घ स्मृति पार्क बनाया, जिसमें अनेक चीजों का निर्माण कराया गया। यहां पर बोधगया, श्रीलंका और अनुराधापुर का बोधि वृक्ष लगाया गया। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में 14 साल तक भगवान बुद्घ रहे थे। वहां से भी बोधि वृक्ष मंगवाकर यहां लगवाया गया। परम पावन दलाई लामा जी जब भी यहां आए, उन्होंने बोधि वृक्ष का रोपण किया। बुद्घ स्मृति पार्क में करुणा स्तूप का, बुद्घ स्मृति संग्रहालय का निर्माण कराया गया। उसमें पहले हमलोगों ने मेडिटेशन केंद्र बनाया था। बुद्घ स्मृति पार्क में करुणा स्तूप बना है। करुणा स्तूप में पांच देशों जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका एवं थाईलैंड से लाए गए भगवान बुद्घ के अवशेष को रखा गया है।

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