रायपुर। जयपुर के सुविख्यात मूर्तिकारों द्वारा निर्मित श्वेत संगमरमर पर जीवंत मनमोहक मुर्तियां जिन्हें जैनम मानस भवन में कलापूर्ण श्वेत संगमरमर के नक्काशीदार जैन मंदिर में 9 दिसम्बर को पूर्ण विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगो उन मूर्तियों का सर्व प्रथम छत्तीसगढ़ के प्राचीन ऋषभदेव जैन मंदिर सदर बाजार में भव्य मंगल शुक्रवार प्रवेश प्रात:9 हुआ।
उपरोक्त जानकारी धर्मनाथ जैन मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के प्रवक्ता संतोष जैन ने देते हुए बताया कि जैन धर्म के 15 वे तीर्थंकर प्रभु श्री धर्मनाथ जी कि प्रतिमा मंदिर में मूलनायक प्रतिमा के रूप में स्थापित होगी मूर्ति प्रवेश महोत्सव में धर्मनाथ जी , दादा गुरुदेव श्री जिनकुशल सूरी जी व अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं को महिलाएं सिर पर कलश रखकर व पुरुष वर्ग चवँर डुलाते बाजे गाजे से नारीयल अक्षत से गवली करते हुए बधाते हुए प्रवेश कराया। मूर्तियां भक्तजनों के दर्शन वन्दन के लिए 7 नवम्बर तक सदर जैन मंदिर में ही रहेगी, 7 नवम्बर को इन्ही प्रतिमाओं के समक्ष प्राण प्रतिष्ठा व अंजन शलाका कि चित्रमय सुंदर भावपूर्ण आमंत्रण पत्रिका के पूजन व लेखन का कार्य हुआ तथा ज्ञान पंचमी के दिन उपरोक्त मुर्तियां भक्तजनों के दर्शन वन्दन हेतु विवेकानंद नगर जैन मंदिर में भव्य प्रवेश करेगी तथा 10 नवम्बर तक वही रहेंगी।
वहां से रायपुर के अन्य कालोनियों में स्थित जैन मंदिरों में प्रभु का प्रवेश होगा मूर्तियों की अंजनशलाका एवं प्रतिष्ठा महोत्सव 2 दिसंबर से 9 दिसंबर तक जैनम मानस भवन के परिसर में खरतरगच्छाचार्य श्री जिन पीयूष सागर जी महाराज सा आदि ठाना व साध्वी श्री राजेश श्री जी महाराज सा आदि ठाना साध्वी श्री मनोरंजना श्रीजी महाराज सा आदि ठाना मुनि श्री महेंद्र सागर जी महाराज आदि ठाना कि निश्रा में प्रभु श्री धर्मनाथ भगवान दादा गुरुदेव व अन्य देवी देवताओं कि मुर्तिया प्राण प्रतिष्ठित होगी । इन 9 दिनों के कार्यक्रम में संपूर्ण भारत के जैन समाज के लब्ध प्रतिष्ठित धमार्नुरागी श्रावक श्राविकाएं प्रतिष्ठा महोत्सव में पूण्य उपार्जन व आत्म कल्याण निमिते पधारेगी – मन्दिर निर्माण के लाभार्थी जयकुमार बैद व महोत्सव समिति ने विभन्न नगरों में इस हेतु पर्याप्त जन सम्पर्क किया है -प्रतिष्ठा महोत्सव समिति व सदर चातुर्मास समिति ने उपरोक्त समारोह में सभी भक्तजनों को सादर आमंत्रित किया है