भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग की अंतिम चरण यूजी और पीजी की सीएलसी करा रहा है। 30 अक्टूबर के बाद प्रवेश प्रक्रिया पर विराम लग जाएगा। एक अगस्त से शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया में विभाग के पर 11 हजार कॉल दर्ज हुए हैं। विद्यार्थियों की समस्याओं का निराकरण फोन पर ही कर दिया गया है। इसमें सबसे ज्यादा समस्या नई शिक्षा नीति में आए सिस्टम में बदलाव और विद्यार्थियों का सत्यापन होने के बाद अलॉटमेंट नहीं होने से संबंधित थे।
आॅनलाइन काउंसलिंग में विद्यार्थियों को काफी परेशानी आई है। इसलिए विभाग ने विद्यार्थियों की मदद के लिए कंट्रोल तैयार किए हैं। दो नंबरों पर विभाग को करीब 11 हजार शिकायतें मिलती थीं। विद्यार्थियों की समस्याएं सुनकर संबंधित अधिकारियों ने उन्हें फटाफट निराकृत किया, ताकि विद्यार्थियों को प्रवेश लेने में कोई समस्या नहीं आए। इसमें सबसे ज्यादा समस्याएं नई शिक्षा नीति में आए बदलाव में दर्ज किए गए हैं।
इसमें विद्यार्थियों को ओपन इलेक्टिल कैसे मिलेंगे और वे इसका अध्ययन कर कैसे क्रेडिट हासिल कर डिग्री पूर्ण कर पाएंगे। विभाग ने सत्यापन के लिए आॅनलाइन दस्तावेज जमा करने की व्यवस्था की थी। इसमें विद्यार्थियों का सत्यापन तो हुआ, लेकिन वे त्रुटि सुधार करने से चूक गए, इसके चलते उन्हें अलॉटमेंट नहीं हो सका।
विभाग ने अपने पोर्टल पर ई-प्रवेश सहायता (लाइव चैटिंग) की व्यवस्था की है। विभाग ने गाइडलाइन में 65 सवालों साथ जवाब गाइडलाइन में जारी किए हैं। इससे विद्यार्थियों का काफी राहत मिली है।
छात्राओं को आॅनलाइन प्रवेश लेने पचास रुपए के पोर्टल चार्ज की छूट दे रखी है। इसके बाद भी कियोस्क संचालक छात्राओं से 50-50 रुपए ले सकते हैं। इसलिए विभाग ने उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराने की व्यवस्था कराई है। यहां तक जरुरत होने पर एमपीआॅनलाइन शासन का पोर्टल होने के उनकी आईडी तक बंद कराई जाएगी। इससे वे भविष्य में कियोस्क का संचालन भी नहीं कर पाएंगे। पूर्व में विभाग ने करीब एक दर्जन कियोस्क तक बंद करा चुका है।
विभाग ने प्रवेश संबंधी कोई भी परेशानी होने पर राज्य स्तरीय कंट्रोल बनाया है। विद्यार्थी मुख्यालय स्तर पर 0755-2551698, 2554763 और एमपीआॅनलाइन के हेल्प सेंटर 0755-6720201 और बीएड के लिए 0755-2554572 पर संपर्क कर सकते हैं। 82 दिन की काउंसलिंग के बाद अभी सीएलसी के छह दिन शेष हैं। विद्यार्थी अपनी समस्याएं उक्त नंबरों पर दर्ज कराकर निराकरण करा सकते हैं।