Saturday, July 27

वैज्ञानिक बनने का था जुनून, बनाने लगे स्कैच

वैज्ञानिक बनने का था जुनून, बनाने लगे स्कैच


लॉकडाउन में कलेक्टर के सराहनीय कार्य पर युवक ने चेनलॉक से चित्र बनाकर किया भेंट
छतरपुर
छोटी उम्र में पढ़ाई करने के दौरान वैज्ञानिक बनने का युवक ने जुनून पाला था लेकिन वह हाथों की कलाईयों और नई सोच के साथ लोगों के चित्र बनाने लगा है। लॉकडाउन के दौरान कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के सराहनीय कार्य से प्रेरित होकर युवक ने चैनलॉक से उनका 24 घंटे में चित्र बनाया और उन्हें भेंट किया। कलेक्टर ने युवक के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उस क्षेत्र के लोगों से अपील की जिस क्षेत्र से युवक का ताल्लुक है कि वे ऐसे होनहार कलाकार की मदद करते रहें।

उप्र के हमीरपुर जिला अंतर्गत बरौली, खरका का रहने वाला 27 वर्षीय युवक अविनाश विश्वकर्मा पुत्र जयप्रकाश विश्वकर्मा वैज्ञानिक बनना चाहता था। वैज्ञानिक तो नहीं बना लेकिन वैज्ञानिक सोच के साथ चित्रकारी करने लगा है। 2018 में उसने स्कैच बनाने का कार्य प्रारंभ किया था अब तक करीब एक सैकड़ा से अधिक पेंटिंग और 8 सैकड़ा के करीब स्कैच बना चुका है। अवनीश ने बताया कि वह कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को सोशल मीडिया में फॉलो करता है।

कोरोना संक्रमण के दौरान उन्होंने जिस तरह से व्यवस्थाएं संभाली और जरूरतमंदों की मदद की उससे प्रेरित होकर उसने चैन की 800 लॉक से उनका चित्र खींचा है। अवनीश का हर चित्र कोई न कोई संदेश देने वाला होता है। अवनीश ने बताया कि उसे दो बार विश्व  रिकार्ड बनाने का मौका मिला है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का 30601 स्टेपलर पिन से चित्र बनाया था। क्योंकि डॉ. कलाम ने धरती में इतने ही दिन अपना जीवन बिताया था।

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