नई दिल्ली
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने अस्पताल की लापरवाही से कोरोना मरीज की मौत के एक मामले में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मंत्रालय से पूछा है कि उसने दिल्ली में अस्पताल की लापरवाही के चलते मरीज की मौत के बाद मृतक के परिजनों को दो लाख की आर्थिक की सिफारिश क्यों नहीं की। ये मामला कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल का है। परिजन का आरोप है कि डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही के चलते ही मरीज की मौत हुई।
केंद्र सरकार ने कोरोना से होने वाली मौत पर पीड़ित परिजनों को 50 हजार रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा है कि ये मुआवजा राज्यों की अनुग्रह राशि देने की अन्य योजना से अलग होगा। ये मुआवजा भविष्य में होने वाली मौतों पर भी लागू होगा। इसका भुगतान राज्य आपदा राहत कोष से होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि देश का कोई भी राज्य किसी मौत का मुआवजा देने से यह कह कर मना नहीं कर सकते कि डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना नहीं लिखी है। बता दें देश में कोरोना की वजह से साढ़े चार लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज (26 अक्टूबर) कोरोना से जुड़े आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 12,428 नए मामले सामने आए हैं, जो 238 दिनों में सबसे कम हैं। वहीं 356 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है। देश में अब कोरोना एक्टिव केसों की कुल संख्या 1,63,816 है। देश में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा 4,55,068 है। कोरोना वैक्सीनेशन की बात करें तो देश में देश में अब तक 1.02 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं।