प्रयागराज
वन्य जीव जंतु हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग होते हैं। इनका संरक्षण संतुलन के लिए बहुत जरूरी होता है। इस बात का संदेश प्रतापगढ़ जनपद में सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों की जागरूकता से पूरे समाज को मिला। प्रकरण पिपरी खालसा गांव का है। भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता योगेश मिश्र 'योगी' की जागरूकता से एक अजगर की जान बच गई। इस खबर के माध्यम से आप भी जानें कि किस तरह अजगर की जान बची और वह वन विभाग के संरक्षण में पहुंचा। परी खालसा गांव में कुछ मजदूर रविवार की सुबह खेतों में काम कर रहे थे। इसी दौरान करीब 10 बजे एक अजगर सरपत के बगल से अचानक निकल आया। अजगर को देखकर कुछ मजदूर डर गए तो कुछ लाठी-डंडे से उसे मारने के लिए दौड़ पड़े। तब तक जानकारी गांव तक पहुंची तो भारी भीड़ इकट्ठा होने लगी। लोगों ने अजगर को जान से मारने से मना किया।
इसी बीच सूचना पाकर सामाजिक कार्यकर्ता योगेश योगी भी वहां पहुंच गए। उन्होंने वन विभाग को अजगर मिलने की सूचना दी। वन कर्मियों के आने में देर होने की बात सुनने पर वह खुद ही अजगर को पकड़ने लगे। पूंछ की तरफ से उसे पकड़ कर बोरे में भरवाया। करीब दो घंटे बाद वन रेंजर केपी मिश्रा टीम के साथ मौके पर पहुंचे और अजगर को अपने कब्जे में लेकर सुरक्षित किया। वन रेंजर केपी मिश्रा ने बताया कि अजगर को घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने संरक्षित प्रजाति के अजगर की जान बचाने के लिए योगेश योगी और अन्य ग्राम गांव वालों को धन्यवाद भी दिया। गौरतलब है कि प्रतापगढ़ में गांव-गांव में अजगर भारी संख्या में पाए जाते हैं। चिलबिला के जंगल, गधेड़ा के जंगल, गौतमी के जंगल समेत विभिन्न जंगलों में इन्हें प्राकृतिक आवास मिलता है। कई बार यह जीव शिकार की तलाश में बाहर निकल कर रिहायशी बस्तियों की ओर भी पहुंच जाते हैं। प्रभारी निदेशक वरुण सिंह का कहना है कि अजगर संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। मिलने वाले अजगर को जंगल में छोड़ दिया जाता है।