मुंबई । महाराष्ट्र में सुपरमार्केट और वॉक-इन स्टोर में शराब बेचने की परमिशन के फैसले से सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे नाराज हो गए हैं। उन्होंने उद्धव सरकार के खिलाफ अनशन का ऐलान कर दिया है। अन्ना हजारे 14 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे। बता दें कि राज्य सरकार ने सुपरमार्केट्स में वाइन बेचने का फैसला किया है। इस फैसले की खूब आलोचना हो रही है। अब गांधीवादी अन्ना हजारे को भी उद्धव सरकार का यह फैसला रास नहीं आया है। इसी कारण उन्होंने आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है।
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
अन्ना हजारे ने इसको लेकर सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि क्या सरकार को नहीं लगता कि उससे इस फैसले से महिलाओं को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। युवा शक्ति हमारी राष्ट्रीय शक्ति है। उसके पास फैसले का विरोध करने के अलावा कोई चारा नहीं है। यह आश्चर्यजनक है कि सरकार कह रही है कि वाइन, शराब नहीं है।
वाइन हमारी संस्कृति को नष्ट कर देगी – हजारे
अन्ना हजारे ने पत्र में आगे लिखा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी मेरी चिट्ठी का जवाब नहीं देते। अब राज्य के मुख्यमंत्री ऐसा ही करते दिख रहे हैं। मैंने कभी किसी निजी मामले पर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को पत्र नहीं लिखा। मैं व्यापक हित के सामाजिक मुद्दों पर ही पत्र लिखता हूं। बच्चे हमारी राष्ट्रीय धरोहर हैं। ये कल के हीरो हैं। अगर वाइन सुपरमार्केट और किराने की दुकानों में रखी जाती है, तो ये बच्चे भी आदी हो जाएंगे। अगर दुकान में वाइन आ जाए तो यह हमारी संस्कृति को नष्ट कर देगी।
क्या है नई शराब नीति
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में शराब की बिक्री के लिए अलग से स्टॉल लगाए जाएंगे। नए नियम के मुताबिक, जगह का क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक हो। इसके साथ ही उसका महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत रजिस्ट्रेशन जरूरी है। हालांकि, पूजा स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों के निकट सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की इजाजत नहीं दी गई है। इसके अलावा जिन जिलों में शराबबंदी लागू है वहां भी शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। शराब बेचने के लिए सुपरमार्केट को पांच हजार रुपए शुल्क देना होगा।