Saturday, July 27

राजस्व विभाग का तुगलकी फरमान : सूचना के अधिकार से वकीलों को किया बाहर

राजस्व विभाग का तुगलकी फरमान : सूचना के अधिकार से वकीलों को किया बाहर


एडवोकेट को नागरिक शब्द की परिभाषा से बताया बाहर
भोपाल
सूचना अधिकार के तहत मांगी जाने वाली जानकारी को लेकर राजस्व विभाग सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहा है। राजस्व विभाग ने अपने एक पत्र में सूचना देने के मामले में ऐसी व्याख्या कर दी, जिससे प्रदेश के अधिवक्ताओं के भारतीय नागरिक होने पर ही सवाल खड़ा हो गया। विभाग ने उन्हें सूचना के अधिकार में जानकारी मांगने से ही वंचित कर दिया है।

तालाब आवंटन को लेकर लगी एक आरटीआई के जवाब में राजस्व विभाग ने अपने पत्र में अधिवक्ता शब्द की व्याख्या ही बदल डाली। विभाग ने अपने पत्र में एडवोकेट नागरिक शब्द की परिभाषा से बाहर ही बता दिया। यही नहीं विभाग ने आरटीआई के दायरे से संगठन संघ, प्रतिष्ठान और ऐसोसिएशन को भी आरटीआई से बाहर कर दिया है। पत्र जारी होते ही भोपाल जिला अभिभाषक संघ ने इसे अपना अपमान बताकर विभाग के मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।   

क्या है मामला
जनपद पंचायत फंदा द्वारा 19 जुलाई 2021 को एक विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन में बकानिया और र्इंटखेड़ी में मत्स्य पालन के लिए पटट्े पर तालाब आवंटत किए जाने थे। उक्त विज्ञापन के बाद तालाब आवंटन की प्रक्रिया को लेकर लखनऊ के अधिवक्ता रुद्र प्रताप सिंह ने सूचना के अधिकार में जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में राजस्व विभाग की ओर से आए जवाब में एडवोकेट को भारत का नागरिक न बताकर जानकारी देने से इनकार कर दिया।

आरटीआई के जवाब में विभाग ने पत्र में यह लिखा
''सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 में सूचना नागरिक को प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है, कोई भी व्यक्ति इसका लाभ ले सकता है। भले ही वह कृत्रिम व्यक्ति क्यों न हो, इसी प्रकार से कोई संगठन संघ, प्रतिष्ठान, ऐसोसिएशन, एडवोकेट नागरिक शब्द की परिभाषा में नहीं आता है, एडवोकेट जो कि बार काउंसिल में पंजीकृत होने पर विधिक व्यवसाय करता है तथा अपने मुवक्किल के पक्ष में फीस प्राप्त कर न्यायालय में विधिक पैरवी करता है।

अत: निर्देशानुसार उपरोक्त विषयांतर्गत धारा 11 में पर व्यक्ति की सूचना के अनुक्रम में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत अधिवक्ताओं को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत धारा 24 के अंतर्गत 3, जो 06 उप-कडिकाएं हैं, के अधिवक्ता के बिंदु क्रमांक-2 के अनुरूप नियमानुसार आपको जानकारी प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *