Thursday, June 1

बडे तालाब में 10 स्थानों पर नाले नालियों से मिल रहा पानी, सीवेज मैनेजमेंट के लिए बनेगा नया प्लान

बडे तालाब में  10 स्थानों पर नाले नालियों से मिल रहा पानी, सीवेज मैनेजमेंट के लिए बनेगा नया प्लान


भोपाल
राजधानी में अब सीवेज मैनेजमेंट के लिए नये तरीके से प्लानिंग की जा रही है जिसके पहले चरण में शहर के बन रहे एसटीपी के रूट का सर्वे होगा और उनसे नालों का कितना पानी कैसे ट्रीट होगा, इसकी रिपोर्ट भी बनाई जाएगी। बड़े तालाब में करीब 10 स्थानों पर नाले नालियों के माध्यम से सीवेज मिलता है। इसके लिए ज्यादातर स्थानों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए गये हैं। तालाब में शिरीन नाला अहमदाबाद पैलेस के पास, करबला के पास, खानूगांव, बोरवन, सीहोर नाका सहित बैरागढ़ में आठ नाले सीधे तालाब में मिलते हैं। इसके लिए बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एक्टिव हो इसके लिये वर्क प्लान बनाया जा रहा है।  है। शहर में 11 स्थानों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने थे इसमें से पांच स्थानों पर ही बनकर तैयार हो पाए गए हंै। यहीं कारण है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान वाटर प्लस मिलने से भोपाल चूक गया है।

सीवेज  प्रोजेक्ट के तहत कोहेफिजा स्थित शिरीन नदी, नीलबड़, जमुनिया छीर और भैंसाखेड़ी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम शुरू हुआ। मकसद था कि झील में 20 से ज्यादा नालों के जरिए मिलने वाले सीवेज को रोकने और एसटीपी में उसका ट्रीटमेंट कर उसे झील में छोड़ा जाए। ताकि लगातार बिगड़ रही बड़ी झील के पानी की क्वालिटी सुधर सके। लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है। भैंसाखेड़ी और नीलबढ़ में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एफटीएल से दूर हैं इसलिये इनको जल्द शुरूकिया जाएगा।

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