Tuesday, December 30

क्यों चर्चा में है रूस का किलर ड्रोन – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सहारे टारगेट पर सटीक हमला

क्यों चर्चा में है रूस का किलर ड्रोन – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सहारे टारगेट पर सटीक हमला


कीव
यूक्रेन पर रूस का हमला तेज होता जा रहा है और जंग (Ukraine-Russia War) के कई दिन बीत जाने के बाद भी दोनों में से कोई भी देश झुकने को तैयार नहीं है। जंग के दौरान कई ऐसे हथियार सामने आए हैं जिसकी काफी चर्चा हो रही है। इनमें से एक है रूसी ड्रोन जिसे 'सुसाइड ड्रोन' (Russian Suicide Drone)भी कहा जा रहा है। यह ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल कर टारगेट पर हमला करता है। यूक्रेन पर हमले के दौरान इसकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। टेलीग्राम और ट्विटर पर रूसी हथियार कंपनी कलाश्निकोव की सहायक कंपनी जाला एयरो की ओर से बेचे जाने वाले घातक ड्रोन केयूबी-बीएलए की तस्वीरें दिखाई दी हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इसका इस्तेमाल हुआ है कि नहीं। 1.2 मीटर के पंखों के साथ, चिकना सफेद ड्रोन एक छोटे पायलट रहित लड़ाकू जेट जैसा दिखता है। इसे पोर्टेबल लॉन्च से दागा जाता है, यह ड्रोन 30 मिनट के लिए 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसकी खासियत है कि यह टारगेट पर जाकर क्रैश भी हो सकता है इसमें 3 किलो विस्फोटक होता है।

ZALA Aero ने पहली बार 2019 में एक रूसी एयर शो में इसको प्रदर्शित किया था। इस ड्रोन को लेकर अभी कोई ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि रूस की ओर से इसका प्रयोग व्यापक रूप से किया किया जा रहा है। हालांकि इसकी मौजूदगी ने यूक्रेन की चिंता बढ़ा दी है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेनी बलों ने रूसी सेना के खिलाफ तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया है, जिसे टीबी 2 कहा जाता है। पैराग्लाइडर के आकार का यह ड्रोन धीमा है लेकिन यह आश्चर्यजनक रूप से रूसी हवाई अभियान के खिलाफ प्रभावी साबित हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में प्रगति ने हथियार प्रणालियों में इस संभावना को बढ़ा दिया है कि अधिक सक्षम सिस्टम अंततः खुद तय कर सकते हैं कि किसे मारना है। यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन में इस तरह के ड्रोन का संचालन किया गया है या नहीं। केयूबी-बीएलए तस्वीरों को अभी तक आधिकारिक स्रोतों की ओर से सत्यापित नहीं किया गया है, लेकिन ड्रोन को रूस के सैन्य मुहिम का एक नया हिस्सा माना जा रहा है। आने वाले समय में रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ ड्रोन का अधिक इस्तेमाल किया जा सकता है। कई रक्षा विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि यूक्रेन की ओर से तुर्की के जिस ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है उसके खिलाफ रूस का यह कदम है।

 

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