नई दिल्ली
रेल सफर के दौरान ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा की कमान अब रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के अधिकारियों के हाथ में होगी। नई व्यवस्था के तहत ट्रेनों में तैनात आरपीएफ एस्कॉर्ट टीम का नेतृत्व सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) करेगा। इसके अलावा आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक ट्रेनों का औचक निरीक्षण करेंगे। डिवीजन और जोनल मुख्यालय के वरिष्ठ उप सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इसका मकसद करोड़ों रेल यात्रियों के सफर को सुरक्षित बनाना और ट्रेनों में होने वाले अपराध पर अंकुश लगाना है।
आरपीएफ के नवनियुक्त डीजी संजय चंदर ने 27 सितंबर को ट्रेनों में एस्कॉर्टिंग प्रणाली संबंधी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रेलवे बोर्ड स्तर पर किए गए औचक निरीक्षण में पर्यवेक्षण व निगरानी का अभाव पाया गया। आरपीएफ अधिकारियों की ड्यूटी का प्रदर्शन भी ठीक नहीं था। ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा चाक-चौबंद करने के उद्देश्य से नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में ट्रेनों में आरपीएफ एस्कॉर्ट में कॉस्टेबल की टीम ड्यूटी करती है।
यह होगी नई व्यवस्था
अधिकारी ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत कम से कम एएसआई स्तर का कर्मी आरपीएफ एस्कॉर्ट टीम का नेतृत्व करेगा। ट्रेन में ड्यूटी शुरू होने से पहले ड्यूटी प्रभारी क्षेत्र, खंड आदि में होने वाले अपराध व अन्य खतरों को लेकर विस्तृत जानकारी देगा। ड्यूटी समाप्त होने के बाद वह जनरल डायरी में टीम के कार्य को लेकर अपनी टिप्पणी दर्ज करेगा। जिसकी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी। सभी स्टेशनों के प्रभारी निरीक्षक, उप निरीक्षक आदि को हर हफ्ते, हफ्ते में दो व तीन बार औचक निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, रात 10 बजे से तड़के चार बजे तक एस्कॉर्ट टीम के संपर्क में रहेंगे। वहीं, उप सुरक्षा अधिकारी माह में एक बार सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे।