नई दिल्ली
मध्य प्रदेश में इस महीने के अंत में उपचुनाव हैं। उससे पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, जहां उसके विधायक सचिन बिरला बीजेपी में शामिल हो गए। बेडिया में आयोजित सभा में बकायदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सदस्यता दिलाई। ऐसे में अब मार्च 2020 के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों की संख्या 27 हो गई है। सचिन मध्य प्रदेश के युवा विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने बड़वाह विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी।
सूत्रों के मुताबिक सचिन लंबे वक्त से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। उनको मनाने के लिए कई बड़े नेताओं को लगाया गया, लेकिन वो किसी से भी बात करने को तैयार नहीं हुए। रविवार को खरगोन जिले के बेडिया में आयोजित सभा में वो पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में बीजेपी का दामन थामा। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री कमल पटेल भी मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि पटेल ने ही सचिन को पार्टी में लाने में अहम भूमिका निभाई है।
सिंधिया ने बिगाड़ा था कांग्रेस का खेल
आपको बता दें कि मार्च 2020 में जब कांग्रेस की सरकार थी, तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ से नाराजगी के चलते इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वो 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। बाद में चार अन्य विधायक भी उनके साथ आ गए। जिस वजह से कमलनाथ सरकार गिर गई। इसके बाद हुए उपचुनाव में ज्यादातर सीटें जीतकर बीजेपी ने सरकार बनाई। बदले में ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा की सीट देकर मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। वो अभी नागरिक उड्डयन मंत्रालय समेत कुछ अहम विभागों का जिम्मा संभाल रहे हैं।
तीन बार के विधायक को हराया
आपको बता दें कि 2018 में सचिन बिरला ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी नेता हितेंद्र सिंह सोलंकी को हराया था। सोलंकी तीन बार बीजेपी से विधायक चुने गए थे, लेकिन सचिन के सामने उनकी हार हुई। 2013 में जब सचिन को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था, तो उन्होंने निर्दलीय ही ताल ठोक दिया था।