दिल्ली
गूगल ने अपना नया फोन पिक्सल 6 बाजार में उतार दिया है. स्मार्टफोन के बाजार के सबसे बड़े खिलाड़ी माने जाने वाले एप्पल और सैमसंग का मुकाबला करने की कोशिश कंपनी कई साल से कर रही है.मंगलवार को गूगल ने अपना नया फोन पिक्सल 6 पेश किया. ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड पर आधारित यह फोन गूगल की स्मार्टफोन बाजार में बड़े खिलाड़ियों को टक्कर देने की नई कोशिश है. कंपनी ने अपने नए फोन के बारे में कहा कि इसे एकदम पूरी तरह से नई सोच के साथ तैयार किया गया है. गूगल ने कहा कि यह फोन सुरक्षा, स्पीड, स्टाइल और सॉफ्टवेयर, हर लिहाज से नई सोच पर आधारित है. कंपनी के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट रिक ऑस्टरलो ने कहा, "यह साल काफी लिहाज से अलग है.” पिक्सल फोन को गूगल अपने एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की खूबियों को दिखाने के लिए भी इस्तेमाल करता रहा है.
एंड्रॉयड एक मुफ्त मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है और जिसे दुनियाभर की फोन कंपनियां इस्तेमाल करती हैं. लेकिन खुद गूगल के एंड्रॉयड फोन अब तक बहुत ज्यादा नाम नहीं कमा पाए हैं. क्यों कम कामयाब है पिक्सल? विश्लेषक ब्रैड एक्यूज कहते हैं कि पिक्सल की मध्यम दर्जे की सफलता की एक वजह इसके पिछले कुछ मॉडल में पाई गईं खामियां हैं. इसके अलावा अमेरिका की मोबाइल सर्विस कंपनियां ग्राहकों को दूसरे ब्रैंड के फोन खरीदने के लिए बेहतर ऑफर देती रही हैं. एक्यूज ने कहा, "एक क्षेत्र है जहां पिक्सल ने बेहतरीन काम किया है और वो है सॉफ्टवेयर. लेकिन और कुछ अलग देने में यह नाकाम रहा है.” पिक्सल 6 के रूप में जो नया फोन गूगल ने बाजार में उतारा है उसमें एप्पल जैसे कुछ फीचर भी शामिल हैं.
एप्पल अपने आई-फोन के जरिए महंगे फोन खरीदने वाले ग्राहकों को लुभाता रहा है लेकिन उसका सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों ही कंपनी ने अपने नियंत्रण में रखे हैं. देखिए, बार्सिलोना में दिखी भविष्य की झलक ऑस्टरलो कहते हैं, "हमारे पास आधुनिकतम हार्डवेयर है यानी पिक्सल और ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ऐसा अनुभव है जो अब से पहले कभी संभव नहीं था.” कैसा है नया पिक्सल? पिक्सल 6 के मॉडल 5जी क्षमता के साथ आए हैं. गूगल ने अपना नया टेंसर चिप भी इसमें प्रयोग किया है जो और ज्यादा क्षमता के साथ इंसान की तरह सोच सकता है. ऑस्टरलो के मुताबिक हार्डवेयर और सॉफ्वेयर का यह ऐसा मिश्रण है जो भविष्य की ‘एंबिएंट कंप्यूटिंग' की ओर एक बड़ा कदम है. ‘एंबिएंट कंप्यूटिंग' इंटरनेट का इस्तेमाल बातचीत के जरिए करने की क्षमता को कहा जाता है. 2013 की साइंस फिक्शन फिल्म ‘हर' में ऐसा ही कुछ दिखाया गया था.