पटना
बिहार विधानसभा भवन के एक सौ वर्ष पूरे हो गए हैं। इस मौके पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हो रहे हैं। समारोह को लेकर विधानसभा के सदस्यों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। समारोह की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के स्वागत भाषण से हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए बिहार विधानसभा के गौरवशाली इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। हम सभी को नए भारत के निर्माण के लिए आगे बढ़ना है। आइए जानते हैं बिहार विधानसभा के 100 साल के गौरवशाली इतिहास के बारे में कुछ खास बातें-
-बिहार विधानसभा भवन में पहली बैठक सात फरवरी 1921 को हुई थी। वर्तमान में 17 वीं विधानसभा का कार्यकाल चल रहा है। आजादी के पहले और बाद में यह भवन कई राजनीतिक बदलावों और उलटफेरों का गवाह बन चुका है। भवन ने कई मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों का कार्यकाल भी देखा है।
-वक्त के साथ विधानसभा भवन में भी कई बदलाव किए गए हैं लेकिन इसकी मूल संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। विधानसभा का यह भवन 1920 के मार्च महीने में बनकर तैयार हुआ था।
-सात फरवरी 1921 को हुई पहली बैठक में लॉर्ड सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा ने गवर्नर के तौर पर शिरकत की थी। अंग्रेजों के समय में यह भवन बिहार उड़ीसा विधान परिषद के नाम से जाना जाता था।