देहरादून
उत्तराखंड में भारी बारिश, भूस्खलन और बर्फबारी के चलते मौतों का आंकड़ा 55 पहुंच गया है। आठ ट्रैकर समेत 15 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। बुधवार को चंपावत में चार, उत्तरकाशी में तीन और बागेश्वर में एक की मौत हो गई। वहीं, नैनीताल जिले में पांच और मौतों की पुष्टि होने से जिले में मौतों की संख्या 30 पहुंच गई है। उत्तरकाशी के हर्षिल से लंबखागा पास होते हुए छितकुल ट्रैक पर गए आठ ट्रैकर लापता हो गए थे। बर्फ में दबने से उनकी मौत हो गई है। वहीं लापता पोर्टरों की तलाश में सीमा पर भेजे गए आठ पोर्टर सकुशल मातली आईटीबीपी परिसर में लौट आए हैं। जबकि भारत-चीन सीमा पर आईटीबीपी की टीम के साथ गश्त पर गए तीन पोर्टरों की मौत हो गई। वहीं, नारायणबगड़ ब्लॉक के डुंग्री गांव में दो लोग पहाड़ी से आए मलबे के नीचे दब गए। चंपावत के लोहाघाट में भूस्खलन से घर पर गिरे मलबे में दबकर दंपति और दो बच्चों की मौत हो गई।
बागेश्वर में नदी पार करते वक्त पोस्टमैन की डूबने से मौत हो गई। धारचूला में चल बुग्याल गए दो लोग बर्फ में दब गए हैं। उनका दो दिन से कोई पता नहीं चला है। कुमाऊं में बारिश और हिमपात से धारचूला व पिंडारी घाटी में 110 पर्यटक फंसे हुए हैं। ऊधमसिंह नगर के किच्छा में कुंदन राम (32) पुत्र रमेश राम निवासी भनोली अल्मोड़ा मंगलवार शाम को बेनी नदी में बह गए। एनडीआरएफ की टीम उसकी तलाश में जुटी है।
मलबे में दबे दो लोग
नारायणबगड़ ब्लॉक के डुंग्री गांव में दो लोग मंगलवार देर शाम को पहाड़ी से आए मलबे के नीचे दब गए। संचार व्यवस्था ठप रहने की वजह से बुधवार को घटना की जानकारी प्रशासन को मिल पाई। सूचना मिलने के बाद बुधवार को एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर दबे हुए लोगों की खोजबीन शुरू कर दी है। अभी तक दोनों का पता नहीं चल पाया है।