भोपाल। जिला प्रशासन ने भोपाल स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) को मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा क्वारंटाइन सेंटर बनाने का फैसला लिया है। अपर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ द्वारा आदेश जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने पूरे मैनिट के कैम्पस को अधिग्रहण कर लिया है। आदेश में कहा गया है कि मैनिट के पूरे कैंपस को सैनेटाइज कर इसे एसडीएम टीटी नगर राजेश शुक्ला को दे दिया जाए।
भोपाल में मामले बढ़ाने की आशंका
जिला प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए जा रहें है। प्रशासन को अंदेशा है कि भोपाल में आने वाले कुछ दिनों में कोरोना पॉजिटिव के केस तेजी से बढ़ सकते है जिसके चलते प्रशासन अभी से ही तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं प्रशासन हो यह भी अंदेशा है कि एक ही समय पर शहर में काफी ज्यादा संक्रमित निकल सकते है।
12 हज़ार कमरों का क्वारंटाइन सेंटर
बढ़ने वाले मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन मैनिट में क्वारंटाइन सेंटर बनाने जा रहा है। मैनिट कैम्पस में 6 बड़े हॉस्टल्स है, हर हॉस्टल में 200 कमरे है। ऐसे में यहां 1200 कमरों का क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है। मैनिट प्रशासन ने कैम्पस के हॉस्टल्स को जिला प्रशासन को सुपुर्त करना शुरु कर दिया है।
छात्रों ने जताया विरोध
हॉस्टल को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील करने की सूचना मिलते ही मैनिट के छात्रों ने कलेक्टर तरुण पिथोडे को ट्विटर के माध्यम से विरिध जताया है। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में उनके जरूरी डाक्यूमेंट्स और लैपटॉप रखे है। ऐसे में डाक्यूमेंट्स गुम हो सकते है। वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि वो कैसे मान ले कि संक्रमण ठीक होने के बाद पूरे हॉस्टल के कैम्पस को सैनेटाइज कर उन्हें उनके डाक्यूमेंट्स और लैपटॉप सुरक्षित मिल जाएंगे।