Saturday, July 27

पेनक्रियाज के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधियां

पेनक्रियाज के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधियां


पैनक्रियाज रीढ़ के हड्डी के सामने और पेट में काफी गहराई में होता है, यही कारण है कि आमतौर पर पैनक्रियाज का कैंसर चुपचाप बढ़ता रहता है और काफी बाद में जाकर इसका पता चलता है। इस बीमारी में शुरुआत में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते और अगर दिखते भी हैं तो अन्य बीमारियों से मिलते जुलते होते हैं। कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी के साथ कुछ घरेलू हर्ब्स का प्रयोग करके इससे ग्रस्त कई रोगी इसे ठीक करने में सफल हुए हैं।

पेनक्रियाज के लिए घरेलू औषधि-नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कराने से इस रोग से बचा जा सकता है। कीमोथेरपी और रेडियोथेरपी के साथ कुछ घरेलू हर्ब्स का प्रयोग करके इससे ग्रस्त कई रोगी इसे ठीक करने में सफल हुए हैं। ब्रोकोली-पेनक्रियाज के उपचार के लिए ब्रोकोली को बहुत ही उत्तम औषधि माना जाता है। ब्रोकोली के अंकुरों में मौजूद फायटोकेमिकल, कैंसर युक्त सेल्स से लडऩे में मदद करते हैं। साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं और रक्त के शुद्धिकरण में भी मदद करते हैं। जिन्सेंग-जिन्सेंग एक प्रकार की जड़ी बूटी है जो शरीर में बाहरी तत्वों के खिलाफ प्रतिरोधक शक्ति का निर्माण करती है। यह जड़ी बूटी भी पैनक्रियाज को काफी हद तक ठीक रखती है।

गेहूं का ज्वारा (व्हीटग्रास): पैनक्रियाज की चिकित्सा के लिए व्हीटग्रास अत्यधिक लाभकारी होता है। यह कैंसर युक्त सेल्स को कम करने में भी सहायता करता हैं। गेहूं का ज्वारे का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

ग्रीन टी: पैनक्रियाज में होने वाली समस्या का दूर करने और इसके उपचार के लिए नियमित रूप से प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन करें। क्योंकि ग्रीन टी में मौजूद तत्व ऐसी कोशिकाओं को कम या न के बराबर पनपने देते हैं।

एलोवेरा: यूं तो एलोवेरा बहुत से रोगों में फायदा पहुंचाता है लेकिन पैनक्रियाज में इंफेक्शन में यह बहुत ही फायदेमंद है। इसे पैनक्रिऑटिक कैंसर के उपचार के लिए उत्तम माना जाता है। नियमित रूप से ताजा एलोवेरा जैल का सेवन करने से लाभ मिलता है।

सोयाबीन: सोयाबीन से भी पैनक्रियाज के उपचार में सहायता मिलती है। इसमें कुछ एंजाइम होते हैं जो हर तरह के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। दिनचर्या में सोयाबीन के अंकुर या पकाए हुए सोयाबीन का सेवन करने से पैनक्रियाज और स्तन कैंसर में लाभ मिलता है।

लहसुन: लहसुन में औषधीय गुण होते हैं। जो कई रोगों में फायदा पहुंचाते है। इसमें बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एलीसिन, सेलेनियम, विटामिन सी, विटामिन बी आदि भी होते है। इन सब तत्वों के कारण पैनक्रियाज में होने वाले इंफेक्शन और कैंसर से बचाव करता है और कैंसर हो जाने पर उन्हें बढऩे से रोकता भी है।

हरड: कीमोथेरपी और रेडियोथेरेपी के साथ हरड का प्रयोग भी पैनक्रियाज में इंफेक्शन और कैंसर को काफी हद तक ठीक करता है। इसमें उत्तेजना और कीटाणुओं को रोकने वाले और स्तन और पैनक्रिया कैंसर के उपचार के लिए भरपूर गुण होते हैं।

अंगूर: अंगूर में पोरंथोसाईंनिडींस की भरपूर मात्रा होती है, जिससे एस्ट्रोजेन के निर्माण में कमी होती है, जिससे फेफड़ों के कैंसर के साथ पैनक्रियाज के कैंसर के उपचार में भी लाभ मिलता है।

अमरुद और तरबूज: अमरुद, तरबूज, एप्रिकॉट जैसे फलों में लाइकोपीन की मात्रा अधिक होती है। इन फलों का भरपूर मात्रा में सेवन करने से भी पैनक्रियाज रोग को ठीक होने में सहायता मिलती है। सब्जियों का रस लेने से भी इस परेशानी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *