Sunday, November 3

सोनू सूद से मदद मांग मुश्किल में पड़े राजेन्द्र शुक्ल, क्या सरकार की किरकिरी कराने वाले अब बनेंगे मंत्री ?

सोनू सूद से मदद मांग मुश्किल में पड़े राजेन्द्र शुक्ल, क्या सरकार की किरकिरी कराने वाले अब बनेंगे मंत्री ?


भोपाल.  मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार जितना टलते जा रहा है विधायकों की बेचैनी उतनी ही बढ़ती जा रही है और सब्र का इम्तिहान देकर थक चुके ये विधायक आत्मघाती गोल करने से बिलकुल नहीं चूक रहे..जी हां हम बात कर रहे हैं विंध्य से बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल की, जिनके एक ट्वीट ने शिवराज सरकार की ऐसी मट्टी पलीत करवाई कि सरकार को बगलें झांकने पर मजबूर होना पड़ा। दरअसल राजेन्द्र शुक्ल ने बॉलीवुड एक्टर और मजदूरों के मसीहा बनकर उभरे सोनू सूद से मुंबई में फंसे विंध्य के मजदूरों के लिए मदद मांगी।

जाहिर सी बात है कि ये ट्वीट वायरल होते ही प्रदेश सरकार के दावों पर सवाल उठने लगे जो लाखों प्रवासी मजदूरों की वापसी का दावा कर रही है। शुक्ल के इस ट्वीट से ऐसा लगा जैसे उन्हें अपनी ही पार्टी की सरकार पर भरोसा नहीं है और सोनू सूद से मदद मांग कर वो सरकार को मुंह चिढा रहे हों। और ऐसा लगे भी क्यों न ? एक तरफ तो शिवराज के सबसे करीबी माने जाने वाले राजेन्द्र शुक्ला के मंत्री बनने के दावे किये जा रहे हैं और दूसरी तरफ वो अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर राजेन्द्र शुक्ल ने ये ट्वीट क्यों किया।

जानकारों की माने तो इस ट्वीट के जरिए राजेन्द्र शुक्ल अपनी नाराजगी जाहिर करना चाह रहे थे क्योंकि इस बार मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्रियों को जगह मिलना इतना आसान नजर नहीं आ रहा और विंध्य से ही कई अन्य विधायक मंत्री पद की दावेदारी ठोक चुके हैं लिहाजा कसमसाते शुक्ल की कमान से ये ट्वीट छूटा जो सीधे बीजेपी सरकार के दिल में आकर धंसा।

 

 

सीएम शिवराज सिंह को ऐसे भस्मासुरों से सावधान रहना चाहिए  जो इस तरह के  ट्वीट कर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। शुक्ल के इस ट्वीट से राज्य और केन्द्र सरकार के दावों की पोल खुल गई है। -शहरयार खान, कांग्रेस प्रवक्ता

बुधवार को दिनभर इस ट्वीट पर सियासत चलती रही। राजेन्द्र शुक्ल के जरिए खड़ी हुई इस मुश्किल पर बीजेपी के नेताओं को जवाब नहीं सूझा लिहाजा बीजेपी नेता इस                                                                                              पर लीपापोती करते रहे। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे सामान्य ट्वीट नहीं मान रहे वो इसे प्रदेश नेतृत्व के लिए सीधी चुनौती मान रहे हैं. उनका यहां तक कहना है कि इन हालातों में राजेन्द्र शुक्ल को मंत्री बनाने से पहले सीएम को जरुर सोचना चाहिए।  कुल मिलाकर शिवराज सिंह की मुश्किलें भी कम नहीं हो पा रहीं। एक तरफ राज्यसभा चुनाव की टेंशन तो दूसरी तरफ कैबिनेट विस्तार का दबाव और फिर उपचुनाव जीतने की जद्दोजहद ऐसे में सरकार की साख गिराने वाले ऐसे नेताओं से सीएम कैसे निपटते हैं ये जल्द ही पता लग जाएगा।

EDIT BY : DIPESH JAIN

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